कोटा में अब रूकेंगे स्टूडेंट्स के सुसाइड! पुलिस ने शुरू किया ये विशेष अभियान, जानें इसके बारे में सबकुछ…

कोटा में अब रूकेंगे स्टूडेंट्स के सुसाइड ! पुलिस ने चलाया ‘दरवाजे पे दस्तक’ अभियान…

sb 2 23 2 | Sach Bedhadak

कोटा। कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर राजस्थान के कोटा शहर में स्टूडेंट्स के सुसाइड करने के मामले बढ़ते ही जा रहे है। कोटा में इस साल से अब तक 23 स्टूडेंट मौत को गले लगा चुके हैं। कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड के बढ़ते मामलों पर सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन भी चिंतित है। कोटा प्रशासन ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक खास पहल की है। पुलिस छात्रावासों और पीजी (पेइंग गेस्ट) के वार्डन को ‘दरवाजे पे दस्तक’ अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके तहत छात्रों में अवसाद का पता लगाने के लिए छात्रावास के वार्डन, मेस में काम करने वाले कर्मियों और टिफिन सेवा देने वालों की सहायता ली जा रही है।

पुलिस ने मेस कर्मियों और टिफिन सेवा प्रदाताओं से अनुरोध किया है कि अगर कोई छात्र मेस से बार-बार अनुपस्थित रहता है या खाना नहीं खाता या कोई टिफिन मंगाने के बावजूद खाना नहीं खा रहा है तो इसकी जानकारी तुरंत दें।

पुलिस का ‘दरवाजे पे दस्तक’ अभियान…

कोटा एएसपी चंद्रशील ठाकुर ने कहा- हमने ‘दरवाजे पे दस्तक’ अभियान शुरू किया है जिसके जरिए हम हॉस्टल के वार्डन को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे नियमित तौर पर रात करीब 11 बजे प्रत्येक छात्र के कमरे का दरवाजा खटखटाएं और पूछे कि क्या वे ठीक हैं, उनकी गतिविधियों पर नजर रखें।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि हॉस्टल वार्डन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों में तनाव, अवसाद या असमान्य व्यवहार का संकेत मिलने पर उन्हें सूचित करें। कोचिंग के बाद छात्र अधिकतर समय छात्रावास में गुजारते हैं और इसलिए वार्डन पहले व्यक्ति होने चाहिए जो असामान्य स्थिति के संकेतों पर गौर करें।

बता दें कि कोटा में हर साल करीब ढाई लाख स्टूडेंट मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट और इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं।

इस साल अब तक 23 छात्रों ने कोटा में आत्महत्या की है। जिनमें से दो स्टूडेंट ने 27 अगस्त को सुसाइड किया था। साल 2022 में 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी। व्यस्त दिनचर्या, कठिन प्रतिस्पर्धा, बेहतर करने का नियमित दबाव, माता-पिता की उम्मीदों का बोझ और घर से दूरी ऐसी समस्याए हैं, जिनका सामना यहां दूसरे शहरों और देश के अन्य हिस्सों से आकर पढ़ाई करने वाले ज्यादातर छात्र महसूस करते हैं। मनोवैज्ञानिक चेतावनी देते रहे हैं कि किसी भी बच्चे द्वारा ऐसे कदम उठाने से पहले हमेशा ऐसे संकेत होते हैं जिनका पता समय पर नहीं चल पाता है।

अभियान का उद्देश्य-अवसाद के शुरुआती संकेतों का पता लगाना

उन्होंने कहा- दरवाजे पे दस्तक अभियान का उद्देश्य अवसाद के शुरुआती संकेतों का पता लगाना है। यदि कोई छात्र बार-बार कक्षाएं छोड़ रहा है या खाना नहीं खा रहा है, तो कुछ तो बात होगी। हम इन बच्चों की पहचान करना चाहते हैं, उनको परामर्श देना चाहते हैं, इससे पहले कि वे अतिवादी कदम उठाने के कगार पर पहुंच जाएं। हमने एक समर्पित नंबर शुरू किया है जिस पर वार्डन, मेस कर्मचारी और टिफिन प्रदाता हमें यह जानकारी दे सकते हैं। कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि शहर में 3,500 छात्रावास और 25,000 पेइंग गेस्ट (पीजी) हैं।

अमृतांगली गर्ल्स रेजीडेंसी की वार्डन गरिमा सिंह ने कहा कि वह नियमित रूप से बच्चियों के दरवाजे पर दस्तक देती हैं। इसका उद्देश्य उन्हें परेशान करना नहीं है, बल्कि यह पता करना है कि वे ठीक हैं या नहीं। यदि कोई असामान्य समय तक सो रही है, तो मैं उनसे चर्चा करती हूं कि क्या वे थकी हुई हैं या अस्वस्थ हैं। मैं उनके मेस लॉगबुक की भी जांच करती हूं। यदि किसी ने मेस में खाना नहीं खाया है, तो मैं पूछती हूं कि क्या उसे खाना पसंद नहीं आया या यह किसी तनाव के कारण है।

वहीं स्टूडेंट्स के सुसाइड की हालिया घटनाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों को अगले दो महीनों के लिए नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए नियमित जांच परीक्षा रोकने को कहा है। लड़कों के छात्रावास के वार्डन गगेंद्र सोनी ने कहा- कुछ लड़के मेस के खाने के बजाय टिफिन सेवा का विकल्प चुनते हैं। हम कभी-कभी देखते हैं कि टिफिन कमरे के बाहर पड़ा होता है। अब हम इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं और बच्चों से बातचीत करने की कोशिश करते हैं।

छात्र पुलिस थाना खोला जाएगा…

इस साल अब तक कोटा में कुल 23 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले 8 सालों की तुलना में काफी ज्यादा है। इसके अलावा राज्य सरकार ने सभी कोचिंग संस्थानों में टेस्ट लेने पर दो महीने के लिए रोक लगा दी है। इसे देखते हुए कोटा में जल्द ही छात्र पुलिस थाना खोला जाएगा, जो छात्रों की समस्याओं का समाधान करेगा।

हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया…

छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस की ओर से एक स्टूडेंट सेल का भी गठन किया गया है. वहीं पुलिस की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। आप इन नंबरों पर कॉल कर अपनी समस्या बता सकते हैं. कोटा में छात्र इन नंबरों 9530442778, 9414880100 और 9649494989 पर कॉल कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *