राजस्थान में कम वोटिंग प्रतिशत ने किसके छुड़ाए पसीने? आखिर क्यों खुश है कांग्रेसी खेमा? इन सीटों पर कांटे की टक्कर

Rajasthan Loksabha Election 2024: देश में लोकतंत्र के उत्सव की शुरूआत हो चुकी है जहां जनता अपने नए हाकिम को चुनने के लिए मताधिकार का…

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Rajasthan Loksabha Election 2024: देश में लोकतंत्र के उत्सव की शुरूआत हो चुकी है जहां जनता अपने नए हाकिम को चुनने के लिए मताधिकार का इस्तेमाल कर रही है. इस सिलसिले की शुरूआत हुई शुक्रवार से जहां देश की 102 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई. वहीं पहले चरण में राजस्थान में 12 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हुआ जिसमें 114 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया. अब 4 जून को ईवीएम खुलने पर हार-जीत का फैसला किया जाएगा लेकिन 2014 के बाद राजस्थान में पहले चरण में हुई कम वोटिंग अब चर्चा का विषय बन गई है.

कम वोटिंग को लेकर पिछले ट्रेंड देखकर कांग्रेसी खेमा जहां खुशी के दावे कर रहा है वहीं बीजेपी खेमा कुछ चिंतन मनन में नजर आ रहा है. दरअसल शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में राजस्थान की 12 सीटों पर 57.87 फीसदी मतदान हुआ जबकि 2019 में इन सीटों पर 63.71 फीसदी मतदान हुआ था.

हालांकि वोटिंग पैटर्न से कुछ भी आंकलन सीधे तौर पर लगाना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन पिछले पांच चुनाव में दो बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है तो कांग्रेस को इसका फायदा हुआ है. वहीं 2 बार बढ़ा तो बीजेपी 25 सीटें जीतकर ले गई. जानकारों का कहना है अभी वोटिंग पैटर्न से ये पता लग रहा है कि कई सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस कड़ी टक्कर में आ गई है. हालांकि राजस्थान में इस बार लोगों में वोटिंग को लेकर कम उत्साह देखा गया. वहीं युवा भी बहुत कम मतदान केंद्रों पर आए.

2014 और 2019 की तुलना में कम वोटिंग

बता दें कि पहले चरण में श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझूनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर सीटों पर वोटिंग हुई जहां निर्वाचन आयोग और स्थानीय प्रशासन के हर संभव प्रयासों के बाद भी लोग वोट देने बाहर नहीं निकले. 2019 में इन सभी सीटों पर 63.71 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला था लेकिन इस बार करीब 5 फीसदी मतदान कम हुआ है. जानकारों का कहना है कि शुरूआती तौर पर कम वोटिंग होने से बीजेपी को कुछ सीटों पर नुकसान हो सकता है.

जानकारों का कहना है कि शहरी वोटर्स मतदान के लिए निकला है लेकिन तेज धूप और गर्मी के चलते दिन ढलने के साथ ही वोटिंग कम होती चली गई. मालूम हो कि आमतौर पर शहरी वोटर बीजेपी का समर्थक ही माना जाता है. इसके अलावा गांवों में इस बार बंपर वोटिंग हुई है जिसके बाद सियासी जानकारों का मानना है कि पहले चरण के मतदान से संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी को 5 से 6 सीटों पर टक्कर मिल रही है.

कई सीटों पर मुकाबला हुआ रोचक

बता दें कि राजस्थान में पहले चरण में आधा दर्जन सीटे हाई प्रोफाइल हैं जहां अब नागौर, सीकर, दौसा, झुंझुनूं और अलवर में इस बार बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है. पहले चरण के बाद सीकर में माकपा के अमराराम, नागौर में बेनीवाल और ज्योति मिर्धा के बीच कांटे का मुकाबला हो सकता है. वहीं दौसा सीट पर भी कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा भारी पड़ते हुए नजर आ रहे हैं.