हिजाब पर सियासी उबाल! क्या राजस्थान के स्कूलों में बैन होगा हिजाब? विधानसभा से सड़क तक बरपा हंगामा

Rajasthan Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब को लेकर 2 साल पहले उठी विवाद की लपटें अब 2 साल बाद राजस्थान में भी सुलगने लगी है.…

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Rajasthan Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब को लेकर 2 साल पहले उठी विवाद की लपटें अब 2 साल बाद राजस्थान में भी सुलगने लगी है. कर्नाटक में चुनावों से पहले कॉलेजों में हिजाब पहनने का मुद्दा उठा था जिसके बाद उस पर जमकर सियासत हुई और मामला कोर्ट तक पहुंचा था. वहीं अब हिजाब विवाद ने राजस्थान में भी दस्तक दे दी है जहां राजधानी जयपुर में एक सरकारी स्कूल में बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने 26 जनवरी के कार्यक्रम में कथित रूप से छात्राओं के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई. इसके बाद चर्चा होने लगी कि क्या स्कूलों में सभी को एक ड्रेस कोड में आना चाहिए और हिजाब को स्कूल में बैन कर देना चाहिए.

वहीं बालमुकुंद के बयान के बाद सोमवार को परकोटे के सुभाष चौक थाने के बाहर सैकड़ों स्कूली छात्राओँ ने हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन किया. इधर हवामहल विधायक अपने बयान पर कायम है और स्कूलों में सभी के लिए समान ड्रेस कोड की पैरवी कर रहे है.

वहीं हिजाब का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में भी उठा और राजस्थान सरकार के मंत्रियों ने इस पर विचार करने की बात भी कही. अब बताया जा रहा है कि राजस्थान में सरकारी स्कूलों में हिजाब पर बैन लगाया जा सकता है जहां सरकार ने दूसरे राज्यों में हिजाब पाबंदी पर रिपोर्ट मांगी है.

सरकार ले सकती है बड़ा फैसला!

जानकारी के मुताबिक हिजाब मामले पर बवाल के बाद शिक्षा विभाग में उच्च स्तर पर हिजाब बैन मामले को लेकर एक रिपोर्ट तैयार भी की जा रही है. बताया जा रहा है कि मंत्री दिलावर ने इस मामले में अधिकारियों से अन्य राज्यों में हिजाब बैन के स्टेटस और राजस्थान में इसके प्रभावों को लेकर एक डिटेल रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.

इधर सोमवार को कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने भी स्कूलों-मदरसों में हिजाब पर बैन लगाने की पैरवी की है. किरोड़ी लाल ने कहा कि स्कूलों में ड्रेस कोड की पालना की जानी चाहिए और हिजाब सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूलों और मदरसों तक में बैन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह इस मसले पर मुख्यमंत्री से भी चर्चा करेंगे.

कर्नाटक में 2022 में लगा था बैन

बता दें कि कर्नाटक के उडुपी जिले से ही 2022 में हिजाब विवाद की शुरूआत हुई थी जहां एक कॉलेज में 31 दिसंबर 2021 को 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर आने से रोकने पर मामले ने तूल पकड़ा था. इसके बाद फरवरी 2022 में उस समय की कर्नाटक सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में सभी तरह के धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने पर बैन लगा दिया था.

वहीं मामला जब कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन को सही ठहराया था. इसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जहां सुप्रीम कोर्ट का खंडित फैसला आया था जिसमें एक जज ने हिजाब बैन के पक्ष में और दूसरे ने विपक्ष में राय दी थी. इसके बाद कर्नाटक में जब कांग्रेस सरकार बनी तो हिजाब बैन के फैसले को पलट ​दिया गया.