Rajasthan Election 2023 : ये है गहलोत के हमशक्ल, अब हुए बागी…सूरसागर सीट से निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

रामेश्वर दाधीच की शक्ल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलती-जुलती है और इस कारण ही उन्हें सीएम गहलोत का हमशक्ल कहा जाता है।

Rameshwar Dadhich | Sach Bedhadak

Rajasthan Election 2023 : जयपुर। विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया का आज आखिरी दिन है। पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने सूरसागर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। रामेश्वर दाधीच की शक्ल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलती-जुलती है और इस कारण ही उन्हें सीएम गहलोत का हमशक्ल कहा जाता है। लेकिन, अब उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।

पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने सोमवार दोहपर सूरसागर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ कई समर्थक भी मौजूद रहे। नामांकन दाखिल करने के बाद रामेश्वर दाधीच ने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी के लिए घर तक जला दिया। लेकिन, पार्टी ने मुझे कुछ नहीं दिया। कांग्रेस ने मेरा टिकट काटकर मुझे मेरी वफादारी का इनाम दिया है। लेकिन, मेरे साथ 36 कौम के लोग हैं और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मेरी इस बार जीत होगी।

दाधीच ने कांग्रेस के साथ बीजेपी को भी दी टेंशन

इस विधानसभा चुनाव में वो सूरसागर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन, सर्वे में नंबर वन होने के बावजूद भी आलाकमान ने 26 साल के युवा पर भरोसा किया और कांग्रेस प्रत्याशी शहजाद खान को टिकट दे दिया। सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी ने भी नामांकन दाखिल कर दिया है। ऐसे में रामेश्वर दाधीच ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया है। लेकिन, सबसे बड़ी बात ये है कि दाधीच ने इस बार चुनाव में ताल ठोकते हुए बीजेपी को टेंशन में डाल दिया है। दाधीच वैसे तो कट्टर कांग्रेसी है, जो अब बागी हो गए है और भाजपा को डर है कि ब्राह्मण वोटों का ध्रुवीकरण हुआ तो नुकसान हो सकता है।

कौन हैं रामेश्वर दाधीच?

रामेश्चस दाधीच कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं में शुमार है। इतना ही नहीं वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों में से एक थे। लेकिन, अब टिकट नहीं मिलने के कारण बागी हो गए है। रामेश्वसर दाधीच की शक्ल सीएम गहलोत से काफी मिलती है। साल 2018 में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद रामेश्वर दाधीच को जोधपुर नगर निगम का महापौर बनाया गया था।

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