सूबे के ‘मुखिया’ के बदलते पैंतरे…कांग्रेस की पहली योजना बंद, जानें-क्या है राजीव गांधी इंटर्नशिप स्कीम?

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूरी तरह एक्शन के मूड में है। हालांकि, सूबे के मुखिया ने अपने ही बयान के बाद चौंकाने वाला फरमान जारी कर दिया है।

Bhajan Lal

Rajiv Gandhi Internship Scheme : जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूरी तरह एक्शन के मूड में है। हालांकि, सूबे के मुखिया ने अपने ही बयान के बाद चौंकाने वाला फरमान जारी कर दिया है। दरअसल, सोमवार को कुछ ऐसा ही हुआ था, जब सीएम भजनलाल शर्मा ने ऐलान किया कि राजस्थान में चल रही किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा। लेकिन, कुछ घंटे बाद ही सूबे के मुखिया के पैंतरे बदल गए और राजीव गांधी इंटर्नशिप स्कीम को बंद करने के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही बीजेपी सरकार ने कांग्रेस राज की योजना को बंद करने की शुरुआत कर दी है।

राजस्थान सरकार के सांख्यिकी विभाग के एक आदेश के मुताबिक राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना (RGYMIS) को 31 दिसंबर 2023 से तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। यह योजना 2021-22 वित्तीय वर्ष में शुरू की गई थी। इस योजना के बंद होने से हजारों युवा प्रभावित होंगे। इधर, इस आदेश के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल खड़े किए है कि अगर बीजेपी को इस योजना से दिक्कत थी, तो नाम बदल सकते थे। लेकिन, सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5,000 युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है।

सुबह कहा कोई योजना नहीं होगी बंद, फिर आया चौंकाने वाला फरमान!

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार सुबह बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सुशासन दिवस पर ऐलान किया था कि राजस्थान में चली ही किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा। सीएम ने कहा था कि वे योजनाएं बंद नहीं होंगी, जिन्हें पिछली कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था। बल्कि उन्हें और प्रभावी बनाया जाएगा। लेकिन, इस ऐलान के कुछ घंटे बाद ही आर्थिक और सांख्यिकी विभाग ने युवा मित्र स्कीम को बंद करने के आदेश जारी कर दिए। इस आदेश के हर कोई चौंक गया।

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जानें-क्या है राजीव गांधी इंटर्नशिप स्कीम?

बता दे कि गहलोत सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना (RGYMIS) वित्तीय वर्ष 2021-22 में शुरू की थी। इस योजना का उदेश्य सरकारी योजनाओं को घर-घर पहुंचाने का था। इसके लिए 5 हजार युवाओं को नौकरी पर रखा गया था। जिन्हें काम के बदले हर महीने 10-10 हजार रुपए दिए जाते थे। योजना में युवाओं को सरकार के अलग-अलग विभागों में छह महीने से दो साल तक की इंटर्नशिप करवाई जाती थी। युवा मित्र योजना में लगे युवा सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करते थे। लेकिन, गहलोत सरकार की इस योजना के 31 दिसंबर से बंद होने से युवा बेरोजगार हो जाएंगे।

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