राजस्थान लगातार तीसरे साल अपराध में टॉप…मेवात ऑनलाइन फ्रॉड में अव्वल, NCRB रिपोर्ट में खुलासा

राजधानी जयपुर लगातार तीसरे साल आर्थिक अपराध के मामले में दशे भर में टॉप पर है। राजस्थान की साइबर क्राइम कैपिटल भरतपुर में कई नेता, अधिकारी फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं।

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Rajasthan in crime : जयपुर। राजधानी जयपुर लगातार तीसरे साल आर्थिक अपराध के मामले में देशभर में टॉप पर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की साल 2022 की जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान आर्थिक अपराध के लिहाज से लगातार तीन साल से देश में टॉप पॉजिशन बना हुआ है।

राजस्थान की साइबर क्राइम कैपिटल भरतपुर में कई नेता, अधिकारी फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं। गौरतलब है कि साइबर क्राइम के मामले में पहले झारखंड में जामताड़ा फेमस हुआ करता था, लेकिन अब प्रदेश में इस तरह आर्थिक अपराध बढ़ना राजस्थान की बदरंग पहचान बना रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा मेवात क्षेत्र से ऐसे अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है।

2022 में 1,93,385 मामले हुए दर्ज

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक देश में साल 2022 में आर्थिक अपराध के 1,93,385 केस आए। यह आंकड़ा साल 2021 के मुकाबले 11.1 फीसदी बढ़ा है। वहीं, राजस्थान में साल 2022 में आर्थिक अपराध के 27,848 केस दर्ज हुए हैं, जबकि साल साल 2021 में ऐसे 23,757 और 2020 में 18,528 मुकदमे दर्ज हुए. साल 2021 के मुकाबले 2022 में प्रदेश में आर्थिक अपराध का आंकड़ा 17.22 फीसदी बढ़ा है।

25 प्रतिशत मामलों में चार्जशीट

आर्थिक अपराध के लिहाज से भारत का 193 देशों की सूची में 48वां स्थान है, जबकि अगर न्यायिक प्रक्रिया की बात करें तो आर्थिक अपराध से जुड़े महज 25 फीसदी मामलों में ही पुलिस कोर्ट में चालान पेश कर पाई है, जबकि केवल चार फीसदी मामलों में ही कोर्ट ने फै सला सुनाया है।

आर्थिक अपराध में ये हैं शामिल

ठगी, चीटिंग और फ्रॉड आर्थिक अपराध में आते हैं। इनमें बैंक, एटीएम, डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड और यूपीआई से जुड़े फ्रॉड प्रमुख हैं। इसके साथ ही दस्तावेजों की जालसाजी, जाली नोट से जुड़े मामले, जाली स्टाम्प से जुड़े मामले और रुपए के लेन-देन व प्रॉपर्टी के मामलों में विश्वासघात के मामले भी आर्थिक अपराध में शामिल हैं। ऐसे मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 406 से 409, 231 से 243, 255, 489ए से 489ई और 420, 465, 468 व 471 के तहत दर्ज होते हैं।

यहां सबसे कम मामले

इससे उलट नगालैंड, सिक्किम और मध्यप्रदेश में आर्थिक अपराध के सबसे कम मामले सामने आए हैं। वहीं, बात अगर शहरों की करें तो आर्थिक अपराध की सबसे ज्यादा घटनाएं प्रदेश की राजधानी जयपुर, लखनऊ और पटना में दर्ज हुई हैं।

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