MDS विश्वविद्यालय ने बाल विवाह रोकने के लिए किया जागरूक, गोद लिए गांव के ग्रामीण और बच्चों ने ली शपथ

अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (एमडीएस विश्वविद्यालय) की टीम ने गोद लिए गए गांव पदमपुरा में जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम…

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अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (एमडीएस विश्वविद्यालय) की टीम ने गोद लिए गए गांव पदमपुरा में जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें समेकित बाल विकास योजनाओं (आईसीडीएस) के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। गांव की सरपंच संजू देवी ने टीम के सदस्यों का कार्यक्रम के लिए आभार जताया। गोदित गांव के नोडल अधिकारी व प्राणीशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. सुभाष चंद्र ने बताया कि समाजशास्त्र की अध्येता डॉ. प्रीति के साथ-साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र- छात्राएं सम्मिलित हुए।

इस दौरान गांव की आंगनबाड़ी के बाल शिशुओं, विद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं ग्रामीणों से संवाद कार्यक्रम रखा गया। इस दौरान ग्राम पंचायत चाचियावास की सरपंच संजू देवी ने टीम का स्वागत करते हुए कहा कि पदमपुरा गांव बाल विकास योजनाओं के क्रियान्वन में अग्रणी हैं। पदमपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य अनिल पखारिया ने कहा कि गांव में विद्यालय एवं आंगनबाड़ी के विद्यार्थी एवं बाल शिशु समेकित बाल विकास योजनाओं से लाभांवित होकर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहें हैं। इस दौरान गोदित गांव के नोडल अधिकारी प्रो. सुभाष चंद्र ने सरपंच संजू देवी, विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल पखारिया, बीएलओ चतुर्भुज वैष्णव की उपस्थिति में सभी विद्यार्थियों, बाल शिशुओं एवं ग्रामीणों से बाल विवाह जैसी कुप्रथा में शामिल नहीं होने की शपथ दिलाई।

समाजशास्त्र विषय की अध्येता डॉ. प्रीति ने विभिन्न समेकित बाल विकास योजनाओं की महत्व एवं आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इस दौरान पूरक पोषाहार, शाला पूर्व शिक्षा, वृद्धि निगरानी तथा पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, संदर्भ सेवाऐं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना एवं उड़ान योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर बाल शिशुओं, विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों से संवाद किया गया तथा इन योजनाओं द्वारा दिए जा रहे विभिन्न लाभों के बारे में अवगत करा कर जागरूक किया गया। विशेषकर प्रथम एवं द्वितीय बार मां बनने वाली गर्भवती महिलाओं को दिए जा रहे वित्तीय लाभों एवं इस दौरान आवश्यक पोषण के बारे भी जागरूक किया। इस दौरान सरला कुमावत एवं अन्य शिक्षकों के साथ-साथ आंगवाड़ी कार्यकर्ता सरमेश कंवर, आशा सहयोगिनी गंगा देवी, जसराज गुर्जर एवं विभिन्न ग्रामवासी उपस्थित रहे।

(इनपुट-नवीन वैष्णव)

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