Dausa Lok Sabha : सचिन पायलट और किरोड़ी बाबा की साख दांव पर, जानें किसका पलड़ा भारी?, क्या कहते है सियासी समीकरण

Dausa Lok Sabha : सचिन पायलट के गढ दौसा में इस बार लोकसभा चुनाव में कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। दौसा पायलट फैमिली का गढ़ माना जाता है तो वहीं बीजेपी से किरोड़ी लाल मीणा का दबदबा है।

sachin pilot vs kirodi lal meena | Sach Bedhadak

Dausa Lok Sabha : राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में कैंडीडेट को जीताने की जुगत में रणनीति बनाने में जुटे हैं। दौसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट और बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा की साख पर दांव लगी है। बीजेपी इस बार दौसा सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर किराड़ी लाल मीणा के भाई जगहमोन को टिकट दे सकती है। वहीं कांग्रेस सचिन पायलट के कैंप के विधायक मुरारी लाल मीणा को टिकट दे सकती है। पिछले चुनाव में मुरारी लाल मीणा की पत्नी बहुत ही कम मतों से हारी थी। लेकिन इस बार हालत बदले-बदले नजर आ रहे हैं। कांग्रेस इस बार बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है।

सचिन के ईशारे पर मिलेगा टिकट

दौसा लोकसभा से टिकट उसी को मिलेगा, जिसे सचिन पायलट पसंद करते हैं। कांग्रेस की तरफ से सेवानिवृत आईएएस प्रभु दयाल मीणा और टीकाराम मीणा भी दावेदारी जता हैं। इसके इतर सचिन पायलट समर्थक नरेश मीणा भी दौसा सीट से अपनी दावेदारी जता रहे हैं। एसटी सीट होने के चलते दौसा क्षेत्र में मीणा बनाम अन्य जातियों के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां मीणा-गुर्जर, माली और एसटी के मातदाता ज्यादा है।

यह खबर भी पढ़ें:-भजनलाल के मंत्री झाबर सिंह खर्रा की बढ़ी मुश्किलें, 18 साल पुराने घोटाले मामले में आरोप तय

माली और गुर्जर के वोट कांग्रेस के माने जाते हैं तो वहीं विधानसभा चुनाव में बीजेपी मीणा वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रही थी। वैसे इससे पहले मीणा कांग्रेस के सपोर्टर माने जाते थे। ब्रह्माण वोटर किसी समय कांग्रेस के कट्‌टर समर्थक हुआ करते थे, लेकिन अब बीजेपी को सपोर्ट करते हैं।

दौसा क्षेत्र में होगा कांटे का मुकाबला

दौसा लोकसभा क्षेत्र में दौसा, लालसोट, महुआ, सिकराय व बांदीकुई विधासभा क्षेत्र के अलावा अलवर, थानागाजी, जयपुर ग्रामीण की बस्सी व चाकसू विधानसभा क्षेत्र शामिल है। फिलहाल दौसा लोकसभा क्षेत्र तीन सीटों पर कांग्रेस और 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। खास बात यह है कि इस बार भजनलाल कैबिनेट में दौसा जिले से कोई विधायक भी नहीं है। जबकि गलहोत सरकार में दौसा जिले से तीन मंत्री थे। इनमें मुरारी लाल मीणा ही जीतने में सफल रहे थे।

जबकि प्रसादी लाल मीणा और ममता भूपेश को हार का सामना करना पड़ा था। फिलहाल दौसा का लोकसभा टिकट फाइनल होने के बाद ही तस्वीर अच्छे से साफ हो पाएगी। सियासी जानकारों के मुताबिक दौसा सीट से लोकसभा चुनाव में कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा।

किरोड़ी लाल मीणा की साख दांव पर

दौसा किरोड़ी लाल मीणा का गढ़ माना जाता है। इस बार लोकसभा चुनाव में किरोड़ी के भाई को टिकट मिलने की संभावना है। ऐसे में यह सीट निकालने के लिए किरोड़ी लाल मीणा की साख पर दांव लगा है। पिछली तीन बार लगातार कांग्रेस को दौसा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन इससे पहले 12 दफा कांग्रेस नेता ने जीत दर्ज की है। पंडित नवलकिशोर शर्मा, राजेश पायलट, रमा पायलट, सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेताओं ने यहां कांग्रेस की सीट को सुरक्षित रखा है। बीजेपी की और से 2014 में हरीश मीना और 2019 में जसकौर मीना ने दौसा सीट पर जीत दर्ज की।

यह खबर भी पढ़ें:-बड़े नामों का होगा खुलासा!, अब SOG खंगालेगी पेपर लीक करने वाले सरगनाओं का नेटवर्क