तीन माह पहले निरस्त हुआ लाइसेंस लेकिन खुले आम संचालित हो रहा मेडिकल

अजमेर में औषधि नियंत्रण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

image 2023 05 16T090013.035 | Sach Bedhadak

Drug Control Department : अजमेर। अजमेर में औषधि नियंत्रण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। विभाग ने जिस मेडिकल का लाइसेंस अनियमितताओं के चलते फरवरी माह में निरस्त कर दिया, वह मेडिकल अब भी खुले आम संचालित हो रहा है। यह मामला बिजयनगर से जुड़ा हुआ है। विभाग के उच्च अधिकारियों ने इस संबंध में जांच करवाकर उचित कार्रवाई करवाने की बात कही।

बिजयनगर स्थित भदौरिया कॉम्लेक्स में संचालित मेडिकल स्टोर का औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से लाईसेंस निरस्त किया गया था। इसके बाद भी बेरोक टोक मेडिकल स्टोर संचालित किया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही सच बेधड़क की टीम ने मेडिकल स्टोर पहुंचकर देखा तो खुलेआम मेडिकल स्टोर चल रहा था। 

सर जैसे आदेश करेंगे, वैसे कर लूंगी

इसके बाद विभाग की डीसीओ पूनम महेन्द्रा को इसकी जानकारी दी गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई। जब उनसे सवाल किया गया कि मॉनिटरिंग अधिकारी वह हैं और निरस्त होने के बावजूद भी लगातार मेडिकल संचालित हो रहा है और उनको इसकी जानकारी तक नहीं तो, इस पर उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी से बात करने का कहकर पल्ला झाड़ लिया साथ ही कहा कि जैसा सर आदेश करेंगे, वैसे कर लूंगी। इतना ही नहीं पूनम महेन्द्र ने यहां तक कहा कि आप खुद आकर शिकायत दे जाइए, कार्रवाई करवा दी जाएगी। 

शीघ्र होगी कार्रवाई

सहायक औषधि नियंत्रक मनोज टोंगरा ने बताया कि बिजयनगर स्थित अमृत मेडिकल पर फरवरी माह में फार्मासिस्ट के अभाव में लाईसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई थी। प्रसंज्ञान में आने पर शीघ्र अतिशीघ्र कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका काम लाईसेंस बनाना और निरस्त करना है, फिल्ड का काम अन्य अधिकारियों के जिम्मे है।

विभाग की मिलीभगत!

सवाल तो यह उठता है कि आखिर जब तीन माह पहले मेडिकल स्टोर का लाईसेंस निरस्त कर दिया गया और इसके बाद भी दुकान संचालित की जा रही है तो इसकी जानकारी विभाग को कैसे नहीं लगी, या विभाग की सांठ-गांठ के चलते यह मेडिकल स्टोर खुलेआम चल रहा है?

इनका कहना है

ड्रग कंट्रोलर अजय पाठक का कहना है कि मामला प्रसंज्ञान में लाया गया है। इसकी जांच करवाई जाएगी और ऐसे मामलों में कार्रवाई तुरंत होनी ही चाहिए। इसमें भी कार्रवाई की जाएगी।

(नवीन वैष्णव)

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