‘सिद्धांतों वाला जिस थाली में खाता है उसमें छेद नहीं करता…’ ओम बिरला के भाई का गुंजल पर तीखा हमला

Loksabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है जहां कई सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिल…

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Loksabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है जहां कई सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. इसी कड़ी में कोटा में चुनावी बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है जिसमें पुराने घावों पर जमकर नमक छिड़का जा रहा है. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होकर टिकट लाए प्रहलाद गुंजल पर चौतरफा हमला बोला जा रहा है. अब प्रहलाद गुंजल के खिलाफ ओम बिरला के भाई हरिकृष्ण बिरला ने मोर्चा खोल दिया है जहां उन्होंने गुंजल को इशारों-इशारों में विश्वासघाती और थाली में छेद करने वाला बताया.

कु्न्हाड़ी मंडल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए हरिकृष्ण बिरला ने कहा कि जिस इंसान ने हमसे राजनीति सीखी और हमारे दिए संसाधनों के भरोसे राजनीति की आज वो हमें सिद्धातों का पाठ पढ़ा रहा है. मालूम हो कि गुंजल ने हाल में बिरला पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि अगर दम है तो मोदी के चेहरे के बिना सीधे चुनावी मैदान में मुझसे टक्कर लो.

ओम बिरला के भाई की खुली चुनौती

हरिकृष्ण बिरला का प्रहलाद गुंजल और कांग्रेस को लेकर दिया गया बयान अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गुंजल पर कई बार निजी हमले किए. उन्होंने कहा जिस आदमी को विधानसभा में बीजेपी का टिकट दिया आज वो ओम बिरला को कुछ भी कह रहा है, जिसको राजनीति में चलना सिखाया वो ओम बिरला को भ्रष्टाचारी कहता है.

वहीं हरिकृष्ण बिरला ने आगे कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जमीन में गाड़ दिया था और अब कांग्रेसियों को लोकसभा चुनाव में पाताल में भेजने का काम करना है. उन्होंने कहा कि इन विपक्षियों को सीधा पाताल भेज देना है और अबकी बार 400 पार के लक्ष्य को हासिल करना है.

गुंजल-बिरला रहे हैं पक्के धुरविरोधी

गौरतलब है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और प्रहलाद गुंजल अपने राजनीतिक जीवन में एक दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं औऱ दोनों की एक पार्टी में रहते हुए भी कभी नहीं बनी. वहीं अब लोकसभा चुनावों से पहले गुंजल कांग्रेस में चले गए और कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से टिकट लाकर बिरला को ही चुनौती दे रहे हैं ऐसे में हाड़ौती की सियासत एकदम से गरमा गई है. हालांकि प्रहलाद गुंजल ने 30 मार्च को अपना नामांकन भर दिया है और ओम बिरला का नामांकन अभी बाकी है.