राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी का नया बॉस कौन? दिल्ली में लगे IAS भी दौड़ में…महिला को मिल सकती है कमान

प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री ने पहले ही दिन से प्रशासनिक फेरबदल कर बड़ा संकेत दे दिया है।

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जयपुर। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री ने पहले ही दिन से प्रशासनिक फेरबदल कर बड़ा संकेत दे दिया है। शपथ लेने के दूसरे ही दिन सीएम भजनलाल शर्मा ने सीएमओ से चार अधिकारियों को एपीओ किया तथा तीन आईएएस अफसरों की नियुक्ति अस्थाई तौर पर की। प्रशासनिक बदलाव को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ने आलाकमान को अपनी रिपोर्ट दे दी है।

प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया यानी मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर भी कवायद शुरू हो चुकी है। सरकार की मंशा दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए राजस्थान काडर के अफसरों को पुन: प्रदेश में लाने की है। दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर लगे अफसरों के नामों पर चर्चा जारी है। सूत्रों की माने तो जल्द ही प्रदेश में मुख्य सचिव के अलावा अन्य प्रमुख विभागों के लिए अफसरों का चयन कर लिया जाएगा।

उधर, प्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर कई आईएएस अधिकारी कतार में है। इनके रिपोर्ट कार्ड को लेकर खाका भी तैयार कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार रविवार को अपने दिल्ली दौरे में सीएम भजनलाल ने इस कवायद को लेकर बीजेपी आलाकमान से भी चर्चा की है।

मुख्य सचिव की रेस में इन अफसरों के नाम

प्रदेश में वर्तमान में मुख्य सचिव उषा शर्मा 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएगी। इसके बाद नए बनने वाले मुख्य सचिव की रेस में कई आईएएस अधिकारियों के नाम लगातार चर्चा में हैं। इनमें मुख्य रूप से वी. श्रीनिवासन, सुधांश पंत, संजय मल्होत्रा के अलावा रजत कुमार मिश्रा के नाम सबसे ऊपर है। ये सभी अफसर अभी दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित है, जिन्हे प्रदेश में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

महिला को भी सौंपी जा सकती है कमान

चर्चा यह भी है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की भांति भजनलाल सरकार भी सीएस के लिए किसी महिला अफसर को आगे ला सकती है। वर्तमान सीएस उषा शर्मा के सेवानिवृत्त होते ही एसीएस शुभ्रा सिंह अब वरियता लिस्ट में तीसरे नंबर पर आ जाएंगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में दो बार कुशल सिंह और उषा शर्मा बतौर महिला आईएएस अफसर मुख्य सचिव रही हैं।

कांग्रेस राज में लगे कलेक्टर्स भी बदलेंगे

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के शासनकाल में विभिन्न जिलों में लगे कलेक्टर्स भी बदले जाएंगे। जल्द ही इनकी सूची जारी हो सकती है। प्रशासनिक ढांचे में यह परिवर्तन शीघ्र ही देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा प्रदेश में अभी मंत्रिमंडलन का गठन भी होना है। गठन के बाद मंत्रियों के पीएस व अन्य विभागों के महत्वपूर्ण पदों पर भी भाजपा सरकार अपने पसंद के अधिकारियों की नियुक्ति कर सकती है।

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