“हक है, खैरात नहीं ” मसौदे के साथ “सामाजिक न्याय यात्रा” की शुरुआत

राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से जारी किए जाने वाले घोषणा पत्रों में अनुसूचित जाति वर्ग की मांगों को शामिल करने के विषय में तैयार हुए दलित एजेण्डा-2023 पर विचार विमर्श करने के लिए प्रदेश में सामाजिक न्याय यात्रा-2023 की शुरु हुई।

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जयपुर। राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से जारी किए जाने वाले घोषणा पत्रों में अनुसूचित जाति वर्ग की मांगों को शामिल करने के विषय में तैयार हुए दलित एजेण्डा-2023 पर विचार विमर्श करने के लिए प्रदेश में सामाजिक न्याय यात्रा-2023 की शुरु हुई। इस अवसर पर राजस्थान के अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं पर विचार विमर्श हेतु तैयार मसौदा “हक है, खैरात नहीं ” का विमोचन किया गया।

संवाद कार्यक्रम से यात्रा की शुरुआत

शनिवार को जोबनेर के अंबेडकर भवन में अनुसूचित जाति अधिकार अभियान, राजस्थान की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम से इस यात्रा की शुरुआत हुई। कस्बे के अनुसूचित जाति वर्ग के नागरिकों से घोषणा पत्र के इस मसौदे पर सुझाव लिए गए। अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान के संयोजक सेवानिवृत्त आईपीएस सत्यवीर सिंह ( पूर्व महानिरीक्षक पुलिस, उदयपुर ) ने बताया कि आज यह यात्रा “हक़ है, ख़ैरात नहीं” के उद्घोष के साथ जोबनेर से प्रारम्भ हो रही है। यह यात्रा एक दलित एजेंडे को लोगों के मध्य ले जा रही है। यात्रा के दौरान विभिन्न जगहों पर होने वाले संवादों में व्यापक विचार विमर्श किया जाएगा।

77 वर्ष बाद भी अनुसूचित जाति वर्ग हाशिये- भंवर मेघवंशी

राज्य भर से प्राप्त सुझावों को इसमें शामिल करके विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के मुद्दों को शामिल करवाया जाएगा। लेखक-पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता और अभियान के सह संयोजक भंवर मेघवंशी ने कहा कि आजादी के 77 वर्ष बाद भी अनुसूचित जाति वर्ग हाशिये पर है।

इस वर्ग को संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। हमें लोकतंत्र में अपने संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए अपने वर्ग की समस्याओं पर खुलकर चिन्तन करने की जरूरत है। यह सामाजिक न्याय यात्रा आपको मौका दे रही है कि आप अपने मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें और घोषणा पत्र में शामिल करने की पुरजोर मांग करे।

हमारी भागीदारी नगण्य होती जा रही- ताराचंद वर्मा

दलित सिविल सोसायटी राजस्थान से जुड़े व अभियान के सह संयोजक एडवोकेट ताराचंद वर्मा ने कहा कि आज भी अनुसूचित जाति वर्ग शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के संवैधानिक अवसर हासिल नहीं कर पाया है। आज भी हमारी भागीदारी नगण्य होती जा रही है। इसलिए यह जरूरी है कि इस सामाजिक न्याय यात्रा के माध्यम से हम अपनी एकजुटता दिखाए।

पहले चरण में इन जगहों पर जाएगी यात्रा

यह यात्रा 19 अगस्त को जोबनेर से रवाना होकर कुचामन, नागौर, खिंवसर, ओसियाँ, फलौदी, जोधपुर, बालोतरा, बाड़मेर, जालोर, पाली, देसूरी, कुम्भलगढ़, राजसमन्द, नाथद्वारा, उदयपुर, चित्तोड़गढ़, गंगरार, भीलवाड़ा होते हुए 25 अगस्त को माण्डल, करेड़ा, भीम, ब्यावर पहुंचेगी।

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद

इस मौके पर अजाक जयपुर के अध्यक्ष मांगीलाल बुनकर, महामंत्री विनोद वर्मा रलावता, नगरपालिका जोबनेर के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र दायमा, बजरंग बली मनोहर, गोवर्धन मोहिल, कैलाश आसीवाल, जोहरी तंवर, कालूराम चावला, नन्दकिशोर मटठू, विष्णु मोहिल, किशन बागड़ी, महेंद्र आसीवाल, पुखराज आसीवाल, योगेश बागड़ी सहित अन्य मौजूद रहे।

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