नियमों के गफलत में फंसे कर्मचारी : RGHS ने छीना महिला कर्मचारियों के आश्रितों का ‘राइट-टू-हेल्थ’

राज्य सरकार की प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को कैशलेस इलाज देने के लिए शुरू की गई आरजीएचएस योजना हजारों कर्मचारियों के लिए गलफांस बन गई है।

image 3 | Sach Bedhadak

जयपुर। राज्य सरकार की प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को कैशलेस इलाज देने के लिए शुरू की गई आरजीएचएस योजना हजारों कर्मचारियों के लिए गलफांस बन गई है। जहां सरकार ने योजना के तहत कर्मचारियों और आश्रितों को ओपीडी से लेकर आईपीडी यानि गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा दी गई। वहीं यह सुविधा अब नियमों के फेर के चलते दुविधा बन गई है। जिन कर्मचारियों ने अपने आश्रितों का इलाज कराया है, उन्हें विभाग को तीन गुणा राशि ब्याज के साथ चुकानी पड़ रही है। मुख्य रूप से महिला कर्मचारियों की सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। उनके सामने परिवार में योजना के लिए चयन करने का संकट पैदा हो गया है।

कार्ड का दरूपयोग करने वालों पर कड़ी नजर

योजना में परिजनों के नाम पर अन्य लोगों का इलाज कराने वाले और कार्ड का दुरूपयोग करने वालों पर सरकार कडी नजर रख रही है। विभाग ने अब ऐसे लोगो पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है। योजना का गलत फायदा उठाने पर सरकार कर्मचारियों के कार्ड को ब्लॉक कर कर रही है। हाल में विभाग ने नियमों से परे जाकर इलाज लेने वाले 5065 कर्मचारियों के कार्ड ब्लॉक कर रिकवरी शुरू कर दी है।

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परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम का कहना है कि जिन महिला कर्मचारियों ने माता-पिता की जगह सास-ससुर को शामिल किया है या 25 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का इलाज कराया है, उन कर्मचारियों के कार्ड ब्लॉक किए हैं। साथ ही वित्त विभाग द्वारा जारी किये गए नियमों के अनुसार जितनी राशि का इलाज कराया है उसके तीन गुणा और 18 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार उन्होंने भी रिकवरी दी है। इधर विभाग द्वारा आरजीएचएस कार्ड ब्लॉक करने और पैसों की रिकवरी आदेश जारी करने को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है। विरोध जताने के लिए बड़ी संख्या में कार्यालय जाकर अधिकारियों से अपील कर रहे है।

महिला कर्मचारी के सास-ससुर को नहीं मान रहे आश्रित

इस योजना में महिला कर्मचारी की सास या ससुर को इसका खामियाजा भुगतना होगा। योजना में सरकार महिला कर्मचारी के सास-ससुर को आश्रित नहीं मान रही है। यदि वे आश्रित बनते भी है तो इलाज के लिए पैसा देना होगा। दरअसल राज्य कर्मचारियों के लिए लाई गई कै शलेस इलाज योजना आरजीएचएस के समय पर नियम नहीं बनने और नियमों में कई बड़ी त्रुटियों के कारण कर्मचारियों को कई तरह की समस्या हो गई है।

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नियमों के अनुसार कर्मचारियों को अगर आरजीएचएस का लाभ लेना होगा तो उसमे 25 वर्ष से कम उम्र के बच्चों या अपने माता पिता को ही शामिल कर सकते हैं। नियमों के अनुसार योजना में महिला कर्मचारी के सासससुर को योजना में शामिल करने का नियम नहीं है। ऐसे में जो विधवा महिला कर्मचारियों के सामने बुजुर्ग सास-ससुर की सेवा करने के लिए दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

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