जयपुर वाले 4 साल से पी रहे सफेद जहर…डीग-दौसा में क्राइम ब्रांच के छापे, 50 हजार लीटर नकली दूध पकड़ा

मेवात के कैथवाड़ा में कूलिंग प्लांट के नाम पर फूड डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेकर नकली दूध तैयार कर जयपुर डेयरी में आमजन के लिए रोजाना सप्लाई किया जा रहा था।

fake milk | Sach Bedhadak

Crime branch raids in Deeg-Dausa : जयपुर। मेवात के कैथवाड़ा में कूलिंग प्लांट के नाम पर फूड डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेकर नकली दूध तैयार कर जयपुर डेयरी में आमजन के लिए रोजाना सप्लाई किया जा रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि अफसरों की लापरवाही या मिलीभगत के चलते पिछले चार साल से जयपुर डेयरी के ग्राहक कास्टिक सोडा, पाम ऑयल, यूरिया, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और मिल्क पाउडर से बना दूध या कहें जहर पी रहे थे।

नकली दूध बनाने की सूचना पर पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच टीम ने बुधवार को डीग जिले कैथवाड़ा और दौसा जिले के बांदीकुई व बैजुपाड़ा इलाके में संचालित डेयरी के तीन बीएमसी (बल्क मिल्क कूलर) पर छापा मारकर 50 हजार लीटर नकली दूध पकड़ा। पुलिस ने मौके से दूध से भरी तीन गाड़ी पकड़ी और 12 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बीएमसी डेयरी के पदाधिकारी रामकरण गुर्जर का है और उसके रिश्तेदारों के नाम से उसके परिजन चला रहे थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके से दूध के सैंपल लिए हैं।

पिछले चार साल से रोजाना 50 हजार लीटर दूध की सप्लाई कैथवाड़ा से बीएमसी में की जा रही थी और बीएमसी संचालक यह सिंथेटिक दूध जयपुर डेयरी में भेज रहे थे। प्रकरण में बीएमसी के साथ में जयपुर डेयरी के पदाधिकारियों व अफसरों की भूमिका को भी पुलिस ने संदिग्ध मानकर जांच शुरू कर दी है।

इंस्पेक्टर रामसिंह नाथावत ने बताया कि जयपुर डेयरी की प्रयोगशाला में जहां से भी दूध आता है। उसमें मिलावट होने की पृथक से जांच नहीं होती है। आरोपियों ने दूध में ऐसे केमिकल की मिलावट कर रखी थी। इससे नकली होने के बाद भी दूध का फेट आ जाता था और नकली होने की भनक नहीं लगती।

हर माह करोड़ों रुपए का भुगतान 

जांच में सामने आया कि प्रतिदिन बीएमसी संचालकों द्वारा 50 हजार लीटर दूध जयपुर डेयरी में भेजा जाता था। औसतन प्रतिदिन प्रति लीटर 50 रुपए भी डेयरी द्वारा भुगतान कराना माना जाए तो प्रतिदिन डेयरी द्वारा 25 लाख का भुगतान किया जा रहा था। यानी हर माह नकली दूध का डेयरी करोड़ों रुपए का भुगतान कर रही थी। 

पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

क्राइम ब्रांच के आईजी प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर रामसिंह नाथावत को कै थवाड़ा में नकली दूध बनाने की सूचना मिली थी। कैथवाड़ा में दूध संग्रहण के लिए एक कूलिंग प्लांट लगा है। प्लांट संचालक ने इसके लिए फूड डिपार्टमेंट से लाइसेंस लिया था। कूलिंग प्लांट की आड़ में संचालक दौसा के बीएमसी संचालकों से मिलीभगत कर प्रतिदिन सुबह-शाम 25-25 हजार लीटर सिंथेटिक दूध तैयार करता था।

यह दूध रोजाना दोनों टाइम बीएमसी में सप्लाई किया जाता था और वहां से जयपुर डेयरी में भेजा जा रहा था। सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम ने कैथवाड़ा में दबिश दी। जहां पर नकली दूध बनाया जा रहा था। मौके पर 50 हजार लीटर सिंथेटिक दूध के अलावा भारी मात्रा में पनीर और मावे के साथ दूध के तीन छोटे टैंकर जब्त किए गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दूध और अन्य खाद्य पदार्थ के सैंपल लिए हैं।

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