राजे के पैर छू चर्चा में ये कांग्रेसी विधायक, जानें-सरपंच से राजनीतिक में एंट्री करने वाले मेवाराम के बारे में..

चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या बाड़मेर से लगातार तीसरी बार विधायक रहने वाले मेवाराम जैन बीजेपी में जाने का मन बना रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों इसे सामाजिक कार्यक्रम में शिष्टाचार मुलाकात बताया है।

Vasundhara Raje-Mewaram Jain

Mewaram Jain : जोधपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सोमवार को बाड़मेर क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे पर रही है। इसी दौरान एक अजीबो गरीब वाकया देखने को मिला, जो क्षेत्र ही नहीं प्रदेशभर में अब चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, बाड़मेर दौरे के दौरान एक कांग्रेसी विधायक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पैर छूता नजर आया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या बाड़मेर से लगातार तीसरी बार विधायक रहने वाले मेवाराम जैन बीजेपी में जाने का मन बना रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों इसे सामाजिक कार्यक्रम में शिष्टाचार मुलाकात बताया है। लेकिन, यह तो साफ है कि ये तस्वीर चुनाव से पहले ऐसे समय में सामने आई है जब राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी के नेता एक-दूसरे पर तीखे हमले करने से नहीं चूक रहे है। ऐसे में राजे के पैर छूने वाली ये तस्वीर चर्चा का विषय बनीं हुई है।

बाड़मेर विधायक ने छूए राजे के पैर

दरअसल, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सोमवार को बाड़मेर पहुंचकर पश्चिमी राजस्थान के प्रसिद्ध भामाशाह और समाजसेवी तनसिंह चौहान के श्राद्धकर्म कार्यक्रम में भाग लिया था। यहां राजे ने तनसिंह को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके परिवारजनों एवं रिश्तेदारों से भी मुलाकात की। दिवंगत भामाशाह तनसिंह चौहान के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वसुंधरा राजे अधिकांश भाजपा नेताओं के साथ बैठी थी। इस कार्यक्रम में बाड़मेर से कांग्रेस विधायक और गौ सेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन भी 2 घंटे से बैठे हुए थे। लेकिन, वो अचानक खड़े हुए और वसुंधरा राजे के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने राजे से कहा कि बाड़मेर में आपका स्वागत है।

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जानें-कौन है मेवाराम जैन?

राजस्थान के बाड़मेर में 7 जून 1953 को जन्मे मेवाराम जैन अभी बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक है। 70 वर्षीय मेवाराम गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष भी है। मेवाराम ने साल 1981 में ग्राम पंचायत चुनाव से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। उन्होंने पहली बार बालेबा ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ा और 14 वोटों से जीतकर सरपंच चुने गए। इसके बाद साल 1986 में वे दोबारा बालेबा ग्राम पंचायत से निर्विरोध सरपंच चुने गए। उन्होंने साल 1999 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर नपा चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर बाड़मेर नगर पालिका से पहली बार सभापति बने। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा।

लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक

साल 2008 में कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर से विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी मृद्धु रेखा को हराकर जीत हासिल की और पहली बार विधायक चुने गए। 2013 में फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गंगाराम की पौत्री प्रियंका चौधरी को हराकर दूसरी बार विधायक बने। साल 2018 में कांग्रेस ने फिर उन्हें टिकट दिया और बीजेपी के कर्नल सोनाराम चौधरी को 37 हजार वोटों से हराकर तीसरी बार बाड़मेर से विधायक चुने गए।

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