‘मेरो बीरो भात भरण न आयो है’…मुस्लिम बहन के लिए मायरा लेकर पहुंचा हिंदू भाई, चर्चा में है चूरू की ये शादी

चूरू जिले की यह शादी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल को लेकर चर्चा में बनी हुई है.

sb 1 2023 07 07T173952.168 | Sach Bedhadak

Sach Bedhadak Exclusive (चूरू): आपने देखा होगा कि सात जन्मों का बंधन कहे जाने वाले विवाह में लड़का और लड़की के साथ ही उनके परिवारों के लिए भी हर चीज खास होती है. वहीं किसी भी बहन के लिए शादी के दौरान भरा जाने वाला ‘मायरा’ एक ऐसी परंपरा है जहां हर बहन को अपने भाई का इंतजार रहता है लेकिन शादी से पहले किसी बहन का भाई इस दुनिया को छोड़कर चला जाए तो आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि उस महिला पर क्या बीतती होगी.

कुछ ऐसा ही मामला चूरू जिले की सुजानगढ़ तहसील में हुआ जहां नूर बानो की बेटी की शादी से कुछ महीने पहले उसके भाई की मौत हो गई जिसके बाद बहन पर दुखों का पहाड़ टूट गया था…लेकिन इस बीच नूर बानो के भाई के दोस्त ने एक अनोखी मिसाल पेश की और अपने दोस्त की बहन से उसकी बेटी की शादी में मायरा लेकर आने का वादा किया.

इसके बाद हाल में सुजानगढ़ के रहने वाले कमल दाधीच अपने दोस्त इस्लामुद्दीन की बहन की बेटी की शादी में मायरा लेकर पहुंचे तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर भाई और नूर बानो फूट-फूट कर रोने लगी. बता दें कि चूरू जिले के सुजानगढ़ तहसील मुख्यालय पर हुई यह शादी सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल और आमजन में चर्चा का विषय बन गई है.

दोस्ती के लिए ‘मायरा’ लेकर पहुंचा दोस्त

दरअसल नूर बानो के भाई इस्लामुद्दीन की बीते 4 महीने पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी और उस दौरान नूर बानो ने अपनी बेटी नाजिया बानो की शादी तय कर रखी थी, ऐसे में अब भाई के जाने के बाद अपनी बेटी के लिए मायरा भरने को लेकर उसे चिंता सताने लगी लेकिन इस बीच इस्लामुद्दीन के दोस्त रहे कमल दाधीच ने अपने दोस्त की बहन को अपनी बहन समझकर मायरा भरने का और उसे शादी में कोई भी कमी नहीं आने का वादा किया.

sb 1 2023 07 07T180905.072 | Sach Bedhadak

बता दें कि बीदासर के रहने वाले इस्लामुद्दीन और कमल दाधीच के बीच गहरी मित्रता थी और सालों से दोस्त थे. वहीं इस्लामुद्दीन के जाने के बाद कमल दाधीच ने नूर बानो जो इस्लामुद्दीन की इकलौती बहन थी उसे भाई की कभी कमी नहीं होने का वादा किया.

मायरा लेकर आए भाई को देख रो पड़ी बहन

वहीं नूरबानो की बेटी की शादी में कमल दाधीच व उनकी पत्नी मायरा भरने के लिए जब पहुंचे तो बहन नूर बानो मायरे की रस्म अता करते देख फ़फ़क-फ़फ़क कर रोने लग गई और इस दृश्य को देख कर वहां मौजूद हर कोई रो पड़ा. इस दौरान बहन नूर बानो रोते हुए कहती रही कि “मेरो बीरो भात भरण न आयो है.”

वहीं भाई-बहन के इस मार्मिक दृश्य को अब सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर कर रहे हैं और कमल दाधीच की चारों तरफ तारीफ हो रही है. सोशल मीडिया पर कोई इसे हिन्दू-मुस्लिम का भाईचारा बता रहा है तो कोई इसे दोस्ती का फर्ज, लेकिन यह जरूर है कि नाजिया बानो के इस विवाह को लोग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल मान रहे हैं.

(कौशल शर्मा के इनपुट के साथ)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *