कोटा को मिली नई पहचान…रिवर फ्रंट का दिलकश नजारा देख हर कोई रोमांचित, आज जाएंगे CM गहलोत

कोचिंग सिटी के नाम से विख्यात कोटा को अब एक और नई पहचान मिल गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज कोटा आएंगे और सिटी पार्क का लोकार्पण करेंगे।

Chambal River Front | Sach Bedhadak

Chambal River Front : कोटा। कोचिंग सिटी के नाम से विख्यात कोटा को अब एक और नई पहचान मिल गई है। प्रदेश के पहले और देश के सबसे बड़े चंबल रिवर फ्रंट का मंगलवार को लोकार्पण हुआ। समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी आना था, लेकिन किसी वजह से उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज कोटा आएंगे और सिटी पार्क का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा सीएम गहलोत विभिन्न विकास कार्याें का अवलोकन करेंगे।

जानकारी के मुताबिक सीएम गहलोत सुबह 10.15 बजे मंत्री धारीवाल के साथ सिटी पार्क का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद दोपहर में सीएम गहलोत आयुष्मान भव: कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ेंगे। विकास कार्यों के अवलोकन के बाद शाम को उम्मेद सिंह स्टेडियम में सीएम की सभा होगी। सीएम गहलोत कोटा में रात्रि विश्राम करेंगे और गुरुवार सुबह जयपुर लौटेंगे।

चंबल नदी के दोनों किनारों पर करीब छह किलोमीटर में विकसित किया गया रिवर फ्रंट का दिलकश नजारा देखकर कर कोई रोमांचित हो उठा। अधिकारियों की मानें तो यह एकमात्र ऐसा रिवर फ्रंट है, जहां सभी देशों के मॉडल बनाए गए हैं। खास बात यह है कि जिस देश का मॉडल होगा, वहां के खास जायके का स्वाद भी पर्यटकों का यहां मिल सकेगा।

रिवर फ्रंट को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया, जिससे रात के समय यहां का नजारा अद्भुद नजर आया। यहां 30 गोल्फ कार्ट लगाई गई। सुरक्षा के लिए रिवर फ्रंट के दोनों किनारों पर 189 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड को मिलाकर 400 लोग यहां तैनात किए गए हैं।

Chambal River Front1 | Sach Bedhadak

पं. नेहरू का 25 टन वजनी मुखौटा

चंबल रिवर फ्रंट पर पं. जवाहर लाल नेहरू का सबसे बड़ा फेस मास्क बनाया गया है। इसके निर्माण में गन मैटल से का स्तेमाल किया गया है। यहां मुखौटा 25 टन वजनी है। पर्यटक मुखौटे की आंख में से रिवर फ्रंट देख सकेंगे। इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर है। ओडिसा के 200 कारीगरों ने इसे 6 महीने में तराशा है।

सबसे ऊंची चंबल माता की प्रतिमा

रिवर फ्रं ट के बैराज गार्डन में देश की पहली सबसे ऊंची चंबल माता की मूर्ति लगाई गई है। ऊंचाई 42 मीटर है। इसे 20 मीटर पैडल स्टल पर लगाया है। वियतनाम मार्बल से जयपुर में बनी इस प्रतिमा का वजन 20,800 क्वटिंल है। इसे 1500 पीस में यहां लाया गया। चंबल माता की इस प्रतिमा से 1 घंटे में 7 लाख लीटर पानी चंबल में गिरेगा। वहीं नयापुरा गार्डन में खूबसूरत बावड़ी और गार्डन बनाया गया है। ये रिवर फ्रंट का एंट्री पॉइंट है और पास में ही यहां पार्किंग विकसित की गई है।

प्रवेश के लिए तीन जगह एंट्री पॉइंट

चंबल रिवर फ्रंट पर करीब 22 घाट बनाए गए हैं। इसमें प्रत्येक खाट की अपनी अलग खासियत है। वहीं प्रवेश के लिए तीन जगहों पर एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। यहां दुबई की तर्ज पर फाउंटेन लगाए गए हैं, जहां हर शाम म्यूजिकल शो होगा। रिवर फ्रंट में एक बार में करीब 15 हजार लोग घूमने आ सकते हैं।

हर घाट की अपनी अलग पहचान

Chambal River Front3 | Sach Bedhadak

शौर्य घाट: रिवर फ्रंट पर बनाया गया शौर्य घाट पर शाम को शौर्य बैंड की ओर प्रस्तुति दी जाएगी। इसमें देश के वीर शहीदों को याद किया जाएगा।

सिंह घाट: यहां मार्बल से बने 9 शेरों को लगाया गया है। इनका वजन लगभग 35 टन, ऊंचाई 15 फीट, लंबाई 11 फीट और चौड़ाई 6 फीट है।

उत्सव घाट: इसमें बैंक्वेट हॉल, खूबसूरत छतरियां, केस केड और स्टार फाउंटेन बनाए गए हैं।

साहित्य घाट: साहित्य घाट में बांसवाड़ा मार्बल से खूबसूरत विशाल खुली किताब और पुस्तक महल का निर्माण किया गया है।

रंगमंच घाट: इसमें एम्फीथियेटर में ग्रीन रूम का निर्माण किया गया है। घाटों को पियानो के की-बोर्ड की तरह बनाया गया है।

फव्वारा घाट: इसमें खूबसूरत लगून मय सीढ़ियों का निर्माण किया गया है। यहां दुबई में बने लिनियर फांउटेन है, जहां फाउंटेन शो होगा।

कनक महल: इसमें 6 टावर बनाए गए हैं। यहां वाटर पार्क और रेस्टोरेंट बनाया गया है।

छोटी-बड़ी समाधी और दशावतार: छोटी समाधी में अरोमा गार्डन और फाउंटेन लगाया गया है। बड़ी समाध में वृंदावन (तुलसी वन) और भगवान विष्णु के दशावतार है।

महात्मा गांधी सेतु: रामपुर घाट पर पर्यटकों के आने-जाने के लिए महात्मा गांधी सेतु का निर्माण किया गया है। हाड़ाैती घाट: फसाड में हाड़ौती की समृद्ध वास्तुशिल्प को अंकित किया गया है।

विश्व मैत्री घाट: इस घाट पर विशाल बैंक्विट हॉल का निर्माण किया गया है। यह वन वर्ल्ड वन ड्रीम और भारतीय संस्कृति ‘वसुधैव कु टुंबकम’ पर आधारित है।

जंतर-मंतर घाट: इस घाट पर ZODIAC टावर का निर्माण किया गया है। इसमें 12 राशि चक्र को दर्शाया गया है। यहां आने वाले टूरिस्ट अपनी राशि के अनुसार भविष्य भी जान सकेंगे।

मरू घाट: इस घाट पर गनमेटल की ऊंटों की छह प्रतिमाएं लगाई गई हैं। घाट और फसाड वॉल के बीच जमीन पर टेंट सिटी विकसित किया जा रहा है।

मुकुट महल: इसमें रिवर फ्रंट का मॉडल संग्रहालय बनाया गया है। इसके साथ यहां व्यू पॉइंट का निर्माण किया गया है।

गीता घाट: गीता घाट में वियतनाम मार्बल की पट्टिका में गीता के संपूर्ण 18 अध्याय के श्लोक लिखे गए हैं।

शांति घाट: इस घाट पर योग मुद्रा में इन्विजिबल स्कलप्चर लगाया गया है। इसमें मानव शरीर के सातों चक्रों को दर्शाया गया है।

वैदिक घाट: इस घाट पर पंच तत्वों का आभास करते हुए बाडोली शैली में पांच मंदिरों का निर्माण कराया गया है।

रोशन घाट: इस घाट में इस्लामिक वास्तुकला को दर्शाया गया है। इसके बीच में जन्नती दरवाजे का निर्माण किया गया है और जलती हुई 9 मशालें बनाई गई हैं।

राजपूताना घाट: इस में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेवाड़, मारवाड़, ढूंढाड़, वागड़, हाड़ौती क्षेत्र की विभिन्न इमारत के मॉडल बनाए गए हैं। जैसे पोद्दार हवेली, जग मंदिर, जगनिवास, गणगौरी घाट, हवामहल, गणेश पोल, सरगासूली, ब्रह्मा मंदिर, पटवा हवेली का निर्माण किया गया है।

ये खबर भी पढ़ें:-राजस्थान में मौसम के 2 रूप…. कहीं तेज बरसात तो कहीं पड़ रहा सूखा, आज 11 जिलों में बारिश का अलर्ट