चुनाव से पहले CM गहलोत का बड़ा मास्टर स्ट्रोक…बिहार की तर्ज पर होगी राजस्थान में जातिगत जनगणना

राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक और मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है।

CM Gehlot

Caste Census in Rajasthan : जयपुर। राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक और मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। सीएम गहलोत ने ऐलान किया कि राजस्थान में भी बिहार की तर्ज पर जातिगत जनगणना होगी। बता दें कि बीते दिनों बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई थी। इसके आंकड़े भी हाल ही में जारी कर दिए गए हैं। बिहार के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में भी जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है। इसी बीच गहलोत ने राज्य में जाति आधारित जगणना कराने की घोषणा कर सबको चौंका दिया है।

बिहार सरकार ने हाल ही में जातिगत जनगणना के आंकड़ें पेश किए थे। इन आंकड़ों को लेकर पहले से ही सियासत गरमाई हुई है। इसी बीच अब गहलोत सरकार ने ऐसा ऐलान कर चुनाव से पहले बड़ा दांव खेल दिया है। खास बात ये है कि राज्य सरकार अपने स्तर पर पहली बार जातिगत जनगणना कराएगी। माना जा रहा है कि आचार संहिता लगने से पहले गहलोत सरकार कभी भी गजट नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। लेकिन, बिहार मॉडल पर ही जातिगत जनगणना करवाने का आदेश जारी किया जाएगा।

राहुल गांधी के कॉन्सेप्ट को हमने बढ़ाया आगे

कोर कमेटी की बैठक के बाद सीएम गहलोत ने मीडिया के सामने कहा कि राजस्थान में भी बिहार की तरह जातिगत जनगणना होगी। सीएम ने कहा कि इससे सभी जातियों के लोगों को आनुपातिक अधिकार मिल सकेगा। रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन में जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पास हुआ था। उसी के आधार पर हमने तय किया है कि राजस्थान सरकार भी बिहार की तरह जातिगत जनगणना करवाएगी। राहुल गांधी भी बार-बार कह रहे है कि जिसकी जितनी जनसंख्या है, उसकी उतनी भागीदारी होनी चाहिए। इस कॉन्सेप्ट को आगे बढ़ाते हुए हमने तय किया है कि बिहार के पैटर्न पर हम भी राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाएंगे। इसके लिए जल्द ही नोटिफेशन भी जारी किया जाएगा।

गहलोत ने बताया-क्यों जरूरी है जातिगत जनगणना?

उन्होंने कहा कि इस कार्य में संविधान की कई बातें आती है और सुप्रीम कोर्ट भी पहले ही अपनी राय दे चुका है। इन सब बातों का ध्यान रखते हुए हम जातिगत जनगणना करवाना शुरू करेंगे। गहलोत ने कहा कि ये जनगणना होना इसलिए जरूरी है कि सरकार अपनी योजना बनाते वक्त ये ध्यान रख सके कि जाति के आधार पर स्थिति क्या है। हम जिस सोशल सिक्युरिटी की बात करते है, वो भी तब ही लागू हो सकती है जब हमें ये पता चल सके कि लोगों के लिए क्या योजना बन सकती है। देश में विभिन्न धर्म और जाति के लोग रहते है। जाति के लोग अलग-अलग काम करते है। जनगणना होने के बाद हमें इस बात का पता चल सकता है कि कौनसी जाति के लोगों के लिए क्या योजनाएं बनानी है। जातिगत जनगणना से सरकार के लिए काफी आसानी हो जाएगी। इसके लिए ये फैसला लिया गया है।

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