बाड़मेर का ये युवा तुर्क ठोक रहा विधानसभा की ताल, बेबाक अंदाज का बुजुर्गों से लेकर बच्चे हर कोई दीवाना

बाड़मेर से युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी का नाम जोरों से चर्चा में है.

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है जहां हर किसी को अब बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का बेसब्री से इंतजार है. वहीं बीजेपी खेमे से अब कई नए और पुराने चेहरों को लेकर अटकलबाजी का दौर भी चल पड़ा है जहां माना जा रहा है कि बीजेपी कई नए चेहरों पर दांव लगा सकती है.

इसी कड़ी में राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर से युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी का नाम जोरों से चर्चा में है. वहीं बताया जा रहा है कि बीजेपी की ओर से तैयार टिकटों के पैनल में भी भाटी के नाम पर विचार किया जा रहा है. हालांकि भाटी अभी किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है और वह निर्दलीय ही शिव विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे हैं.

वहीं बीजेपी की हाल में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान बीजेपी के 39 उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे दिया गया जिसके बाद माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 अक्टूबर को जोधपुर दौरे के बाद बीजेपी की पहली सूची जारी हो सकती है.

यात्रा से भाटी ने किया चुनावी शंखनाद

दरअसल रवींद्र सिंह भाटी शिव विधानसभा क्षेत्र से चुनावी दावेदारी कर रहे हैं जिसके लिए इन दिनों वह शिव के छोटे-छोटे ढाणियों में पहुंच कर जन संवाद यात्रा निकाल रहे हैं जहां भाटी की यात्रा 6 दिन तक कई गांवों में पहुंच गई है.

यात्रा के दौरान भाटी गांवों में लोगों के घरों में जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू होते हैं. इधर भाटी की यात्रा को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरीके से रविंद्र भाटी गांव-गांव जाकर लोगों से बात कर रहे हैं उस तरह से आज तक कोई नेता नहीं आया है.

JNVU जीतने के बाद बढ़ता गया क्रेज

मालूम हो कि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के 57 साल के छात्रसंघ चुनावी इतिहास में 2019 में पहली बार भाटी ने निर्दलीय जीतकर इतिहास बनाया. इन चुनावों में छात्रनेता ने 1 हजार 294 वोटों से जीत मिली थी जिसके बाद ही भाटी राजस्थान में युवा राजनीति का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरा था. शिक्षक पिता के घर में पैदा हुए भाटी आज युवाओं के चहेते हैं और युवाओं के मुद्दों पर पिछले 3 सालों से लगातार वह मुखर रहे हैं.

रवीन्द्र सिंह भाटी ने 2016 में छात्र राजनीति में कदम रखा जहां उन्होंने जय नारायण विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कुणाल सिंह भाटी के साथ धरना, प्रदर्शन आदि में शामिल होकर छात्र हितों के लिए आवाज उठानी शुरू की. इसके बाद 2019 में उन्होंने खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया लेकिन एबीवीपी से टिकट नहीं मिलने पर वह निर्दलीय मैदान में उतरे.

शिव में लगातार सक्रिय हैं भाटी

वहीं छात्र राजनीति के बाद भाटी शिव विधानसभा में लगातार सक्रिय हैं जहां बीते दिनों पशुओं में फैले लम्पी रोग के निदान के लिए उनकी ओर से एक अभियान चलाया गया था. इसके साथ ही भाटी युवाओं के मुद्दों पर लगातार अपनी बात रखते रहे हैं. हालांकि भाटी ने अभी किसी पार्टी की सदस्यता नहीं ली है लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी अगर उन्हें मौका देती है तो वह उसके टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं.