शादी के 19 साल बाद मां बनी महिला…प्राण प्रतिष्ठा के दिन बेटे का जन्म, नाम रखा-‘राम’, यहां 125 से ज्यादा बच्चों ने दुनिया में रखा कदम

जयपुर। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन 22 जनवरी ऐसी तारीख है, जिसे देश के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। भगवान…

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जयपुर। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन 22 जनवरी ऐसी तारीख है, जिसे देश के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर किसी जुबां पर भगवान श्रीराम का नाम है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के तहत सोमवार को राजस्थान सहित देश के कई हॉस्पिटलों में भी ऐसे ही उत्सव का माहौल था।

अयोध्या मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मुहूर्त में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी हुई। सोमवार को राजस्थान के जोधपुर, अजमेर, सीकर, उदयपुर, धौलपुर सहित कई जिलों के हॉस्पिटल्ट में सीजेरियन और नॉर्मल डिलीवरी हुईं। जोधपुर जिले में 100 से ज्यादा सीजेरियन डिलीवरी की गईं। वहीं धौलपुर में 14 लड़के और 12 लड़कियों ने दुनिया में कदम रखा। बच्चे को गोद में लेते ही परिजनों के मुंह से सहसा निकला- हमारे घर राम आए हैं। हमारे घर सीता आई हैं।

जोधपुर में 22 जनवरी के दिन 100 से ज्यादा डिलीवरी की गईं। यहां के डॉक्टरों ने बताया कि पिछले एक महीने से काफी पेशेंट के उनके पास फोन आ रहे थे। उन्हें सीजेरियन डिलीवरी के लिए 20 जनवरी से 30 जनवरी के बीच की तारीख दी गई थी। ऐसे में उन्होंने 22 जनवरी को बच्चे को जन्म देने की इच्छा जताई थी।

शादी के 19 साल बाद बेटे का जन्म, नाम रखा- ‘राम’

सीकर के खंडेला इलाके में रहने वाले दंपती के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद खास रहा। क्योंकि यहां शादी के 19 साल बाद उनके बेटे का जन्म हुआ है, जिसका नाम उन्होंने ‘राम’ रखा है। डिलीवरी सीकर शहर के अरिहंत हॉस्पिटल में सोमवार को करीब 12 के आस-पास हुई। नवजात बच्चे के पिता सीताराम यादव (रेस्टॉरेंट मालिक) ने बताया कि चार बेटियों के बाद बेटे का जन्म हुआ है। बच्चे की मां निर्मला ने बताया कि आज भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दिन बेटे का जन्म हुआ है। बेटे के रूप में भगवान राम हमारे घर आए हैं।

धौलपुर में 26 बच्चों ने लिया जन्म

वहीं धौलपुर के जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु संस्थान में 26 प्रसुताओं की डिलीवरी की गई। जिनमें 14 लड़के और 12 लड़कियों ने दुनिया में कदम रखा। रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा को साक्षी मानते हुए बच्चों के नाम अधिकांश राम नाम से रखे गए। वहीं, बच्चियों के नाम सीता मां के रूप में रखे गए हैं। इस अवसर पर जिला अस्पताल में भी भक्ति का माहौल देखा गया। मिठाइयां खिलाकर डॉक्टर और मरीजों ने इस ऐतिहासिक दिन को सेलिब्रेट किया।

डॉक्टर ऋचा सिंह ने बताया कि सोमवार को अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया था। जिला अस्पताल में भी आस्था का माहौल बना रहा। जिला अस्पताल में सोमवार को 26 प्रसूताएं डिलीवरी के लिए भर्ती कराई गई थी, जिनमे 21 प्रसूताओं की डिलीवरी नॉर्मल हुई। वहीं, पांच के ऑपरेशन के माध्यम से डिलीवरी की गई।