संविदा कर्मचारी घोषित करने की मांग, हड़ताल पर 108 एंबुलेंस के कर्मचारी, मरीज परेशान, दो दौर की वार्ता विफल

प्रदेश में 108 एंबुलेस कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जनता परेशान है। एंबुलेंस कर्मचारी पिछले 4 दिन से लगातार हड़ताल पर हैं। सोमवार को दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन वह विफल रही। मंगलवार एक बार फिर सीएमआर में एंबुलेंस कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

rajasthan ambulance employees strike | Sach Bedhadak

जयपुर। प्रदेश में 108 एंबुलेस कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जनता परेशान है। एंबुलेंस कर्मचारी पिछले 4 दिन से लगातार हड़ताल पर हैं। सोमवार को दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन वह विफल रही। मंगलवार एक बार फिर सीएमआर में एंबुलेंस कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। सरकार भी मामले को लेकर गंभीर है और जल्द से जल्द से समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।

फिलहाल बड़ी संख्या में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सामने एंबुलेंस कर्मियों का धरना जारी है। 108 और 104 कर्मी एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सामने एंबुलेंस खड़ी कर लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। मेडकिल हेल्थ डिपार्टमेंट ने सख्ती दिखाते हुए 108 एंबुलेंस का संचालन कर रही जीवीके कंपनी के प्रबंधन को चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में जल्द से जल्द सेवाएं सुचारू करने के लिए कहा गया है। वरना टेंडर की शर्तों के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।

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जीवीके को किया पाबंद, जल्द शुरू कर सेवाएं

मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने चेतावनी देते हुए 108 एंबुलेंस की सर्विस देने वाली कंपनी जीवीके को पाबंद किया है कि वह टेंडर के प्रावधानों के अनुरूप सेवाओं का संचालन शुरू रखें। मेडिकल डिपार्टमेंट की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि 108 और 104 एंबुलेंस सेवा को सरकार ने रेस्मा एक्ट के तहत अति आवश्यक सेवाएं घोषित कर रखा है। हमने मरीजों की समस्याओं को देखते हुए 108 और 104 एंबुलेंस सेवा निरस्त जारी रखा है। जरूरत पड़ने पर हमने सभी सीएमएचओ और डिप्टी सीएमएचओ को 104 जननी एक्सप्रेस सेवाओं को 108 एंबुलेंस सेवाओं के रूप में इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिए हैं।

स्टाफ की लगाई राउंड द क्लॉक ड्यूटी

अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि इसके लिए हमने विभाग के ड्राइवरों को लगाकर वैकल्पिक व्यव्सथा की है। सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए है कि सभी नर्सिंग कर्मचार्रियों और ड्राइवर स्टाफ की राउंड द क्लॉक ड्यूटी कंट्रोल रूप में लगाए हैं। ताकि लोगों को एंबुलेंस सर्विस का फायदा मिल सके।

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संविदा कर्मचारी घोषित की मांग, दो दौर की वार्ता फेल

करीब 6 हजार कर्मचारियों हड़ताल पर हैं, जिनके साथ हुई दो दौर की वार्ता विफल रही है। राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि सरकार से हम केवल हमारे कर्मचारियों को संविदा कर्मचारी घोषित करने की मांग कर रहे हैं। सरकार हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रही हैं। इसका कारण हमें मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है। इसके चलते मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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