बेटा-बहू से परेशान माता-पिता ने प्रशासन से मांगी इच्छा मृत्यु, धोखाधड़ी कर सम्पत्ति से किया बेदखल

कोटा। राजस्थान के कोटा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेगी। यहां बुर्जुग माता-पिता अपने…

kota 2 | Sach Bedhadak

कोटा। राजस्थान के कोटा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेगी। यहां बुर्जुग माता-पिता अपने ही बेटे और बहु से परेशान होकर जिला प्रशासन से इच्छा इच्छा मृत्यु मांगी है और अपने बेटों को सम्पत्ति से बेदखल कर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है। 78 वर्षीय सीताराम माली ग्राम गुंजार, तहसील कनवास, जिला कोटा का रहने वाला है।

उन्होंने अपने पुत्र राजेन्द्र कुमार एवं दिनेश कुमार पुत्र सीताराम जाति माली निवासी सांगोद जिला कोटा पर प्रताडित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक परिवाद जिला कलक्टर को दिया जिसमें उन्होंने इच्छा मृत्यु मांगी है और कहा कि अभियुक्तगणों द्वारा परिवादी को मकान से निकालने एवं पुत्रवधु द्वारा मारपीट करने, सांगोद के मकान से दरबदर करने व भूख से बिलखने पर मजबूर कर दिया है। परिवादी द्वारा इच्छा मृत्यु की स्वीकृति प्रदान करने व पुलिस प्रशासन से अभियुक्तगणों के खिलाफ कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

बुजुर्ग दम्पत्ति की प्रमुख समस्याएं
परिवादी सोमवार को मीडिया के सामने आए और उन्होंने बताया कि वह वर्तमान में वार्ड नं. 11 टोडी पाडा कस्बा सांगोद में निवास कर रहे है और काफी वृद्व एवं वरिष्ठ नागरिक है। वृद्वावस्था के कारण परिवादीगण का स्वास्थ्य भी ठीक नही रहता है, दवाईयों के ईलाज पर जिन्दा है। लेकिन उसके बाद भी परिवार में बेटा बहु ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी 4 संताने है और समझौता पत्र 11.02.2019 से सभी को चल व अचल संपत्ति का बंटवारा चारों के परिवारिक गणों के बिना स्वीकृति के कर लिया है और वर्तमान में बंटवारे के मुताबिक चारों ने अपने अपने हिस्से पर काबिज हो गए हैं।

जबकी उनकी इस सम्बंध में कोई स्वीकृति नहीं है। उसके बाद भी प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा है। एक तरफ तो कहा जाता है कि सरकार सीनियर सिटीजन की सुनवाई कर कुछ ही दिन में समाधान करती है पर यहां तो उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुश्तेनी मकान सांगोद में टोडी पाड़ा में स्थित मकान में सिर्फ एक छोटासा कमरा दे रखा है। उक्त मकान मेंरे द्वारा बनाया गया है। उक्त मकान में बिजली कनेक्शन से मोटरें भी मेरे द्वारा लगाई गई है ओर दिनेश व राजेन्द्र ने उक्त पूरे मकान एवं रोड वाले मकान जिस पर 4 दुकाने बनी हुई है उस मकान में भी पूरी तरह से कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि पुत्र राजेन्द्र व दिनेश दूसरी पत्नी से है जिसका देहान्त 32 वर्ष पूर्व हो चुका है ओर प्रथम पत्नी वर्तमान में जीवित है ओर मेरे साथ ही निवास कर रही है। उन्होंने कहा कि में पूर्व सरपंच भी रह चुका। लेकिन वृद्धा अवस्था व अस्वस्थ्य होने से अभियुक्तगणों से मुकाबला नही कर सकता।

नगर पालिका सांगोद में पार्षद है पुत्र इसलिए नहीं सुन रहा प्रशासन
सीताराम ने कहा कि उनका एक पुत्र दिनेश वार्ड नं. 1 नगर पालिका सांगोद से वार्ड पार्षद है जिसकी शह पर राजेन्द्र कुमार भी मुझसे दादागिरी करता है। और दोनो ही मिलीभगत कर परेशान करते हैं, पार्षद होने से पुलिस और प्रशासन भी नहीं सुनता है। राजेन्द्र व दिनेश व उनकी धर्मपत्नी द्वारा इस उम्र में हमारी सम्पूर्ण जायदाद छीन ली है और वर्तमान में जो 55 बीघा जमीन कनवास तहसील में परिवादी के नाम है उसे प्राप्त करने के लिए अभियुक्तगणों द्वारा अपशब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की जाती है। परिवादीगण अपना ईलाज भी नही करवा पा रहे है और इनके मारपीट की डर की वजह से पिछले वर्ष जून 2022 में जान से मारने का प्रयास अभियुक्तगण राजेन्द्र व दिनेश कुमार व उसके परिवार द्वारा किया गया, परिवादीगण अपनी जान बचाने के लिए कोटा शहर में ‘फुटपाट पर रहकर जीवन का गुजर बरस भी किया गया।

बंधक बनाकर रखते हैं, किसी ने मिलने नहीं देते
सीताराम ने मीडिया से कहा कि उसके पुत्रों द्वारा कई बार उन्हें बंधक बना लिया जाता है और आस पडौस में किसी भी व्यक्ति से बातचीत भी नही करने दिया जाता है। हम वर्तमान में अपने कमरे में केद होकर रह गये है। परिवादीगणों की सम्पूर्ण संपत्ति पर राजेंद्र कुमार व दिनेश कुमार ने कब्जा कर रखा है और उससे आने वाले पैसा भी दोनों अभियुक्त गण ही बराबर बराबर हिस्से में बांट लेते हैं। सीताराम के पास दवाएं और खाने के पैसे तक नहीं देते हैं, ऐसे में इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अंत में दुखी होकर (पति पत्नी) दोनो ने अब यह निर्णय लिया है कि इस बार भी अभियुक्तगणों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही प्रशासन द्वारा नही की गई तो हम इच्छा मृत्यु को प्राप्त करेंगे और आत्मदाह करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन की होगी।

(इनपुट:- योगेश जोशी)

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