Mining Sector : राजस्थान माइनर मिनरल कन्सेशन नियमों का हुआ सरलीकरण, खनन पट्टाधारियों को मिली कई सुविधाएं

Mining Sector : राज्य सरकार ने माइनर मिनरल कन्सेशन के नियमों का सरलीकरण किया है। इसमें खनन पट्टाधिकारियों को कई सुविधाएं दे दी गई हैं।…

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Mining Sector : राज्य सरकार ने माइनर मिनरल कन्सेशन के नियमों का सरलीकरण किया है। इसमें खनन पट्टाधिकारियों को कई सुविधाएं दे दी गई हैं। सरकार की ओर से यह कदम सेक्टर को बूस्ट करने, वैध खनन को बढ़ावा देने, प्रक्रिया को औऱ भी ज्यादा पारदर्शी बनाने और राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए उठाया गया है। इन नियमों के सरलीकरण होने से अब खनन पट्टाधारियों और क्वारी लाइसेंसधारियों को रिन्यूअल में आ रही परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। वहीं खनन पट्टों और क्वारीलाइसेंस की अवधि अब 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2040 भी कर दी गई है। इसके साथ ही खनन पट्टाधारियों को अब मासिक की जगह त्रैमासिक ऑनलाइन रिटर्न भरने की भी सुविधा दे दी गई है। साथ ही खनन पट्टों की हस्तांतरण प्रक्रिया का भी सरलीकरण हो गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि नियमों में संशोधन के अनुसार अब लीज अवधि 2040 तक बढ़ाने, खनन पट्टों का आसानी से हस्तांतरण, एक हेक्टेयर से कम स्ट्रिप लीजधारी को आवंटित करने, खातेदारी में खनन पट्टा जारी करने की अधिकतम सीमा चार हेक्टेयर को हटाने, लीज जारी होने के एक साल की अवधि में पर्यावरण क्लीयरेंस लाने की छूट के साथ ही खनन पट्टाधारियोें को त्रैमासिक ऑनलाइन रिटर्न भरने की सुविधा दी गई है।

सीएम गहलोत ने बजट में की थी घोषणा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में खनिज क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए घोषणाएं की थी। अब इनके क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने 16 अगस्त को एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान माइनर मिनरल कन्सेशन रुल्स 2017 में जरूरी प्रावधान कर दिए। बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत खनिज खोज, खनन कार्य को प्रोत्साहन और वैध खनन को बढ़ावा देने पर जोर देते रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नियमों का सरलीकरण किया गया है।

प्रक्रिया के सरलीकरण से व्यवस्था होगी पारदर्शी

खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि प्रदेश में वैध खनन को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक निर्णय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नियमों को आसान बनाने की अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार की खनन क्षेत्र को बढ़ावा देने कीे तरफ एक कदम उठाया गया है।

एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि नए संशोधित प्रावधानों के अनुसार अब 15 गुना डेडरेंट प्रीमियम पर 31मार्च, 2025 को समाप्त हो रही माइनर मिनरल के खनन पट्टों और क्वारी लाइसेंस की अवधि को 31मार्च, 2040 तक बढ़ा दिया गया है। इससे खनन पट्टाधारियों और क्वारी लाइसेंस धारियों को रिन्यूअल की जटिलताओं से छुटकारा मिल सकेगा। वहीं माइनर मेजर के खननपट्टाधारी से लीज हस्तांतरण पर डेड रेंट/लाइसेंस फीस प्रीमियम 10 गुना और अधिकतम 10 लाख के स्थान पर 5 लाख रुपए लिया जाएगा।

इसी तरह से खनन पट्टाधारियों को मासिक के स्थान पर त्रैमासिक रिटर्न जमा करने की सुविधा दी गई है। समय पर मासिक रिटर्न नहीं भरने पर 500 रु. प्रतिदिन का जुर्माना होता था उसे अब 500 रु. प्रतिमाह और अधिकतम 5 हजार रु. किया गया है।
वहीं खनन पट्टाधारियों की खानों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद एक साल की अवधि में उन्हें पर्यावरणीय क्लीयरेंस लाने की छूट होगी। लेकिन खनन पट्टाधारी को पर्यावरणीय क्लीयरेंस के बाद ही खनन कार्य शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि माइनर मिनरल में खातेदारी खनन पट्टों की अधिकतम चार हेक्टेयर की सीमा को हटा दिया गया है।



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