‘म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं’…मजदूर की बेटी लाई कुश्ती में सोना, जिद और मेहनत का जिंदा उदाहरण

जयपुर। राजस्थान के भीलवाड़ा में एक मजदूर की बेटी अश्वनी बिश्नोई ने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम दुनियाभर में रोशन…

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जयपुर। राजस्थान के भीलवाड़ा में एक मजदूर की बेटी अश्वनी बिश्नोई ने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम दुनियाभर में रोशन कर दिया है। वहीं सीएम गहलोत ने ट्वीट कर अश्विनी बिश्नोई बधाई दी है, उन्होंने लिखा, राजस्थान की होनहार बेटी अश्वनी बिश्नोई ने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। इस बेहतरीन सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई व उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएं।

बेटी को अखाड़े में कुश्ती लड़ते हुए नहीं देखना चाहते थे पिता

बता दें कि अश्वनी के पिता मुकेश बिश्नोई अपनी बेटी को अखाड़े में कुश्ती लड़ते हुए नहीं देखना चाहते थे, लेकिन बेटी की जिद के आगे उन्होंने हार मानी और अश्वनी की कई सालों की मेहनत रंग लाई है और वो गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। उन्होंने कहा, देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर बहुत खुशी हो रही है।

इनकी प्रेरणा से अश्विनी ने शुरु की कुश्ती

अश्विनी के पिता मुकेश बिश्नोई ने कहा कि, ‘साल 2018 में मेरे भतीजी को कुश्ती में नेशनल मेडल मिला था, उसी से प्रभावित होकर अश्विनी ने कुश्ति लड़ने की इच्छा जताई थी, शुरुआत में मैंने इसका विरोध किया था लेकिन बाद में मान गया। वहीं की अश्वनी की मां चंचल बिश्नोई कहती है की, ‘मेरी बेटी अश्वनी का चयन भारतीय कुश्ती टीम में हुआ है जब हमें यह पता लगा हमारे घर पर खुशियां छा गई।

मुझे गर्व है कि मेरी बेटी ने लड़की होने के बावजूद लड़कों का खेल कुश्ती अपनाया और भारतीय कुश्ती टीम में उसका चयन हुआ है अश्वनी ने समाज में दूसरी बेटियों के लिए एक मिसाल कायम की है उसने कड़ी मेहनत की है और उसकी मेहनत से जो परिणाम आया है उससे मुझे मेरी बेटी पर गर्व है।

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