OBC आंदोलन : कांग्रेस नेताओं ने मंच से अपनी ही सरकार पर साधा निशाना

OBC आंदोलन : अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण में वर्ष 2018 में किए गए बदलाव से उत्पन्न हुई विसंगति का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा हैं।…

OBC आंदोलन

OBC आंदोलन : अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण में वर्ष 2018 में किए गए बदलाव से उत्पन्न हुई विसंगति का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा हैं। मंगलवार को नागौर में पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक हरीश चैधरी सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया।

कलेक्टर को सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

इससे पहले हजारों की संख्या में समाज के लोग नागौर के पशु प्रदर्शनी मेला स्थल पर एकत्र हुए। रैली से पहले आम सभा का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं के निशाने पर राज्य सरकार रही।रैली शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां कलेक्टर पीयूष सामरिया से प्रतिनिधि मंडल मिला और विसंगतियों को दूर करने की बात कही।

प्रतिनिधि मंडल की ओर से कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। ओबीसी आरक्षण सर्व समाज महासभा संघर्ष समिति के अर्जुन राम लोमरोड ने बताया कि नागौर जिले के हजारों युवाओं को हक दिलवाने की मांग को लेकर रैली निकाली गई।

21 प्रतिशत आरक्षण को बांटा

ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने को लेकर आंदोलन कर रहे नेताओं का कहना है कि कार्मिक विभाग राजस्थान सरकार द्वारा 17 अप्रैल, 2018 को पूर्व सैनिक आरक्षण अधिनियम 1988 में परिवर्तन कर लागू की गई। नई अधिसूचना से ओबीसी पुरुष वर्ग की अधिकतर सीटें पूर्व सैनिकों के लिए आवंटित की जा रही हैं। ऐसे में ओबीसी वर्ग के बेरोजगारों युवाओं को राजस्थान सरकार की भर्तियों में नियुक्ति लाभ नहीं मिल रहा है, क्योंकि भर्ती में आने वाले पूर्व सैनिकों के आवेदन में अधिकतर आवेदन ओबीसी वर्ग से आते हैं।

इस कारण है आक्रोश

आम सभा में आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर बायतु विधायक हरीश चैधरी सहित जिले के विधायक पूर्व विधायक प्रधान सहित कई जनप्रतिनिधियों ने संबोधन दिया। उन्होंने बताया कि आरक्षण में विसंगतियों की वजह से समाज के युवाओं को नुकसान हो रहा है। सभा में संघर्ष समिति के अर्जुन राम ने बताया कि ओबीसी आरक्षण में 2018 में किए गए संशोधन के खिलाफ युवाओं में आक्रोश है। राजस्थान में कार्मिक विभाग ने ओबीसी आरक्षण में संशोधन करते हुए 17 अप्रैल, 2018 को एक आदेश जारी किया था। इसमें भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे 12.5 फीसदी आरक्षण को समाप्त कर दिया गया था और भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण में शामिल कर दिया गया।

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