Lumpy Skin Disease : राज्यपाल कलराज मिश्र ने की समीक्षा बैठक, जिलेवार प्रभावी कदम उठाने के दिए निर्देश

Lumpy Skin Disease : राजस्थान में पांव पसार चुके लंपी वायरस को लेकर प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ( Kalraj Mishra ) ने जयपुर में…

kalraj 2 | Sach Bedhadak

Lumpy Skin Disease : राजस्थान में पांव पसार चुके लंपी वायरस को लेकर प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ( Kalraj Mishra ) ने जयपुर में एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार,प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंदराम जयसवाल, पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे। राज्यपाल मिश्र ने जिलेवार संक्रमण के हालातों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को जहां ज्यादा संक्रमण है वहां पर युद्धस्तर पर प्रभावी रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वस्थ्य पशुओं का गोटपॉक्स वैक्सीनेशन और गौशालाओं का सेनेटाइजेशन करने, पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें पोषाहार देने के निर्देश दिए हैं।

जिन पशुओं की मौत उनका सही ढंग से से अंतिम संस्कार

राज्यपाल मिश्र ( Kalraj Mishra ) ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन पशुओं की संक्रमण से मौते हो रही हैं उन्हें पूरे पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार किया जाए। गौरतलब है कि पिछले कई दिनों में ऐसी कई तस्वीरें आ रही हैं जिनमें मरे हुए पशुओं के भयावह और दयनीय हालात देखे जा रहे हैं। जिसे लेकर राज्यपाल ने विशेष तौर पर इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के गाय पालकों से गौशालाओं की स्वच्छता सुनिश़्चित करने की अपील भी की। इसके अलावा घरों में दूधको उबालकर पीने के लिए गांव-शहरों में जागरुकता अभियान चलाने का आह्वान किया।

जोधपुर, श्रीगंगानगर और बीकानेर अभी बेहद प्रभावित

राज्यपाल की बैठक में पशुपालन, मत्स्य औऱ गौपालन विभाग के शासन सचिव पीसी किशन ने बताया कि प्रदेश में जोधपुर, गंगानगर औऱ बीकानेर को छोड़कर दूसरी प्रभावित जगहों में संक्रमण में कमी आई है। उन्होंने कहा कि केंद्र से गोटपॉक्स की 20 लाख डोज खरीदने केे लिए स्वीकृति मिल गई है। पहले चरण में 5 लाक वैक्सीन की खरीद इसी सप्ताह में की जाएगी औऱ तुरंत टीकाकरण भी शुरू करा दिया जाएगा। इसके अलावा पहले से गौशालाओं में अपने स्तर पर टीकाकरण किया जा रहा है।

पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार दवा

राजस्थान पशु चिकित्सा औऱ पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सतीश गर्ग ने कहा कि कई जगहों पर भैसों को भी यह बीमारी लग रही हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें आइसोलेशन में रखा जाना चाहिेए। गंदगी और मच्छरों से बचाने के लिए सेनिटाइजेशन कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक विशेष पाउडर ( दवा ) बनाई गई है। जिसका प्रभावी असर देखने को मिला है। जल्द ही इसे प्रदेश के पशुओं के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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