Invest Rajasthan: जापान की 11 कंपनियों से MoU, प्रदेश में होगा 1338 करोड़ रुपए का निवेश, 2000 से ज्यादा लोगों के लिए खुले रोजगार के दरवाजे

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को नीमराणा में डाईकिन जापानी इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफेक्चरिंग एक्सिलेंस में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। सीएम गहलोत की…

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को नीमराणा में डाईकिन जापानी इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफेक्चरिंग एक्सिलेंस में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। सीएम गहलोत की मौजूदगी में यहां जापान की 11 कम्पनियों ​के साथ राजस्थान सरकार ने 1338 करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू साइन किए। इन्वेस्ट राजस्थान के तहत सीएम गहलोत के साथ उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, जापानी राजदूत ने जापान की कंपनियों की ओऱ से नीमराणा, घीलोठ और पाली में 1338 करोड़ रुपए के निवेश पर साइन किए। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने सभा को संबोधित भी किया।

जापानी निवेश प्रेरणास्रोत

इस मौके पर गहलोत ने कहा कि राजस्थान में जापान की कम्पनियों ने प्रमुखता से निवेश किया और जापानी निवेश राजस्थान में उद्यमियों के लिये प्रेरणास्रोत रहा है। अब जापान की कम्पनियों को बाड़मेर में बन रहे पेट्रोकेमिकल कॉम्पलैक्स, इनवेस्ट राजस्थान और स्किल डेवलपमेंट सेंटर के निर्माण में निवेश कर एक अध्याय और लिखना चाहिए। उन्होंने जापान की कम्पनियों से आह्वान किया कि वे पचपदरा में बन रही रिफाइनरी के पेट्रोकेमिकल कॉम्पलैक्स में भी निवेश करें। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को भी रोजगार देने के लिये स्किल डवलपमेंट सेंटर खोलें, इनमें जो भी अपेक्षित सहयोग होगा राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।

जापानी कंपनियां 10 से हो गईं 170

भारत में जापान के राजदूत सुजुकी सतोशी ने कहा कि भारत और जापान कानून का शासन व लोकतंत्र जैसे मौलिक मूल्यों को साझा करते हैं। हमारा रिश्ता केवल द्विपक्षीय नहीं है अपितु असाधारण है। इसीलिए इसे स्पेशल स्ट्रेटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप कहते हैं। उन्होंने कहा कि गत मार्च में भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच समिट में इस बात पर संतोष जताया गया कि वर्ष 2014 में घोषित किए गए 3.5 ट्रिलियन जापनीज येन (लगभग 2 लाख करोड़ रुपए) के निवेश का लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं। अब उन्होंने 5 ट्रिलियन जापनीज येन (लगभग 3 लाख करोड़ रुपए) को आगामी 5 वर्षों में जापान द्वारा भारत में निवेश करने का कार्य शुरू कर दिया है। गुरुवार को हुए एमओयू से लगभग 1300 करोड़ रुपए का निवेश होगा जो कि 22 बिलियन येन है। प्रदेश में वर्ष 2008 में जापान की कम्पनियों की संख्या 10 थी जो वर्ष 2021 में बढ़कर 170 हो गई है।

2005 में बनी निवेश की भूमिका

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह वर्ष 2005 में जापान यात्रा पर गए थे। तभी जापानी निवेश, डीएमआईसी व फ्रंट कॉरिडोर की भूमिका तैयार हुई थी। नीमराना स्थित जापानीज जोन भी डीएमआईसी का पार्ट है। उन्होंने बताया कि डीएमआईसी राज्य में 6 स्थानों पर बनना है।

गिलोठ इंडस्ट्रियल पार्क में भी निवेश

जापानीज एक्सटर्नल ऑर्गेनाईजेशन (जेट्रो) के मुख्य महानिदेशक यासुयुकि मुराहाशि ने कहा कि जापान की कम्पनियों द्वारा किए गए एमओयू से राजस्थान में लगभग 1300 करोड़ का निवेश होगा। एक कम्पनी गिलोठ इंडस्ट्रियल पार्क में निवेश करेगी, जो किसी जापानी कंपनी का उक्त क्षेत्र में पहला निवेश है। जेट्रो इस क्षेत्र में भी उतना ही निवेश करेगा जितना नीमराना औद्योगिक क्षेत्र में किया गया है।

2272 लोगों को मिलेगा रोजगार

राज्य सरकार व जापान की 11 कम्पनियों के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। इससे नीमराना, गिलोठ व चापारिया की ढाणी (पाली) क्षेत्रों में 1338 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 2272 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।

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