मैं कांग्रेस का ‘गुलाम’ हूं, मुझे किसी के कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता, खाचरियावास की टिप्पणी पर बोले महेश जोशी

कांग्रेस सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्री महेश जोशी को गुलाम कह डाला था। इस पर आज मंत्री महेश जोशी ने कहा…

मैं कांग्रेस का 'गुलाम' हूं, मुझे किसी के कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता, खाचरियावास की टिप्पणी पर बोले महेश जोशी

कांग्रेस सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्री महेश जोशी को गुलाम कह डाला था। इस पर आज मंत्री महेश जोशी ने कहा कि कोई मुझे गुलाम कहता है तो कहे, मैं तो खुद कहता हूं कि मैं गुलाम हूं, मैं सभ्यता के साथ बात करने का गुलाम हूं। मैं जनता की गुलाम हूं, मैं नियमों का गुलाम हूं। मैं कांग्रेस का गुलाम हूं। तो मुझे इस शब्द से कोई मतलब नहीं पड़ता। दरअसल आज प्रताप सिंह खाचरियावास की महेश जोशी पर तीखी टिप्पणी को लेकर आज महेश जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। जिसमें महेश जोशी ने कई मुद्दों पर बात की।

सीएम गहलोत के लिए सभी मंत्री समान

महेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए सारे मंत्री समान हैं, सारे विधायक समान हैं। उनके लिए कोई छोटा-बड़ा नहीं है। ACR मामले में उन्होंने कहा कि मैंने तो इसका जिक्र भी नहीं किया था आप लोगों ने ही पूछा था तो मैंने अपनी राय दे दी थी। महेश जोशी ने कहा कि मुझे कोई चापलूस या कुछ और कह रहा है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों कि मैं सरकार के नियमों के  अनुसार काम करता हूं, सरकार के लिए काम करता हूं लेकिन एक शब्दों की मर्यादा होती है।मैंने कभी किसी से असभ्य भाषा में बात नहीं की। लोकतंत्र में सहमति और असहमित हो सकती है। और हमें असहमति को भी स्वीकर करना चाहिए।

ACR वाली बात अपने विभाग के लिए कही थी

महेश जोशी ने कहा कि हम जो बोलते हैं वह हमारी मानसिकता का परिचायक है। मैं सभ्य तरीके से अपनी बात रखता हूं। प्रताप सिंह को लेकर महेश जोशी ने कहा कि मैंने ACR को लेकर मेरे विभाग की बात कही थी क्योंकि मेरे विभाग में कोई अधिकारी ऐसा नहीं है कि वो गलत तरीके से काम कर रहा हो। जब मेरे विभाग में कोई ऐसा अधिकारी नहीं है तो मैं क्यों इस बात का समर्थन करूं। महेश जोशी ने कहा कि अगर प्रताप सिंह खाचरियावास के विभाग में ऐसे अधिकारी हैं तो मैं क्या कर सकता हूं इसमें। मुझे कभी अगर किसी अधिकारी से शिकायत रही है तो मैंने इसे सीएम से मिलकर अवगत कराया है और उस समस्या का समाधान भी हुआ है।

ACR लिखने का भारत सरकार का सिस्टम

मंत्री महेश जोशी ने कहा कि आप लोगों ने APR सुना होगा यानी अप्रेजल परफॉर्मेंस रिपोर्ट जिसको एसीआर भी कहते हैं। एसीआर लिखने का अपना सिस्टम है। सरकार ने इसमें तीन अथॉरिटी बना रखी है। इसमें एक, किसी विभाग में जिसमें सेक्रेटरी हेड ऑफ डिपार्टमेंट है उसमें एसीआर लिखने का अधिकार मंत्री पता है, लेकिन वहां भी लिमिटेशन है। जहां से हैड ऑफ डिपार्टमेंट मिनिस्टर है वहां चीफ सेक्रेटरी और मुख्यमंत्री एशिया भरने के चैनल में शामिल होता है। यह सिस्टम 2008 से है, जब यह ऑथोरिटी बनाई थी। अगर फिर भी अपनी भावनाएं और सुझाव है वह कुछ संशोधन चाहते हैं तो मुख्यमंत्री से सीधे बात कर सकते है। मीडिया में जाकर बोलना और अपने मुख्यमंत्री तक पहुंचाना यह जरूरी नहीं है। सबका एक सिस्टम है मुख्यमंत्री जी से बात की जा सकती है। 

क्या पायलट से मिलकर खाचरियावास के व्यवहार में आया बदलाव ?

सचिन पायलट से मिलने के बाद खाचरियावास के व्यवहार में बदलाव के सवाल पर महेश जोशी ने कहा कि वो उनका निजी मामला है। वे पायलट से मिले, बातचीत करें, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है कि पायलट से मिलने के बाद उनके व्यवहार में कोई बदलाव आया हो। खाचरियावास के ACR भरने वाली मांग पर महेश जोशी ने कहा कि आज के बाद ACR वाले मामले में कई बात नहीं होगी मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा।

इस्तीफे को लेकर बोले महेश जोशी

इस्तीफे को लेकर महेश जोशी ने कहा कि ये बात अध्यक्ष ही बताएंगे। महेश जोशी के खाचरियावास से सीधे मिलकर बात करने सवाल पर जोशी ने कहा कि जब मीडिया में मेरी बात छप गई तो मुझे तो अपना बयान अब मीडिय़ा के सामने ही देना होगा। गुलाम शब्द के सवाल पर जोशी ने कहा कि कोई मुझे गुलाम कहता है तो कहे मैं तो खुद कहता हूं कि मैं गुलाम हूं, मैं सभ्यता के साथ बात करने का गुलाम हूं। मैं जनता की गुलाम हूं, मैं नियमों का गुलाम हूं। मैं कांग्रेस का गुलाम हूं। तो मुझे इस शब्द से कोई मतलब नहीं पड़ता।

परसादी लाल मीणा के बयान पर कहा- कांग्रेस में असहमति नहीं

सीएम अशोक गहलोत को लेकर महेश जोशी ने कहा कि अशोक गहलोत बनने के लिए किसी नेता 4-0 से 50 राजनीति में चाहिए और मैं यह कह दूं कि सीएम गहलोत जैसा तो कोई बन ही नहीं सकता। संयम लोढ़ा के खाचरियावास के समर्थन पर जोशी ने कहा कि हम एक पार्टी के लोग हैं। हमारी पार्टी में अहमति नहीं है, सभी लोग एक-दूसरे की बात सुनते हैं और सुनने की क्षमता भी रखनी चाहिए। हमारी पार्टी भाजपा जैसी नहीं है वहां तो सांसद अधिकारियों को भरी सभा में थप्पड़ भी मार देते हैं। परसादी लाल मीणा के पुलिस को नाकारा-निकम्मे वाले बयान पर उन्होंने कहा कि पार्टी में असहमति नहीं है। जो किसी बात से अगर असहमत है उसे गलत दिख रह है तो वह बोल रहा है। सभी की समस्या का निदान किया जाएगा।

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