महेश जोशी की पीसी के बाद खाचरियावास के बदले सुर, अब घर जाकर करेंगे मुलाकात

आज मंत्री महेश जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस में खाचरियावास के कहे शब्द गुलाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि हां मैं गुलाम हूं,…

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आज मंत्री महेश जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस में खाचरियावास के कहे शब्द गुलाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि हां मैं गुलाम हूं, मैं कांग्रेस का गुलाम हूं, मैं नियमों का गुलाम हूं, मैं सभ्यता से बात करने का गुलाम हूं। जोशी के इस बयान से यह तो साफ है कि उन्हें इस बात की ठेस पहुंची है। लेकिन शायद अब यह बात मंत्री खाचरियावास को भी महसूस हो गई। तभी आज उन्होंने महेश जोशी की पीसी के ठीक बाद प्रेस कांफ्रेंस की।

जिसमें प्रताप सिंह ने कहा कि डॉ महेश जोशी को अगर मेरे शब्दों से ठेस पहुंची, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं, मुझे इस बात का दुख हुआ कि उन्हें मेरी बात से दुख हुआ। वे मेरे बड़े भाई जैसे है। मैं खुद उनके घर जाऊंगा और उसने बात करके इस बारे में माफी मांगूगा। हमारे बीत तनाव जैसा कुछ भी नहीं है। हम इस वक्त मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं न कि उसे कोई मौका देना चाहते हैं।

महेश जोशी ने कहा- हां मैं हूं गुलाम

खाचरियावास के गुलाम शब्द के सवाल पर जोशी ने कहा था कि कोई मुझे गुलाम कहता है तो कहे मैं तो खुद कहता हूं कि मैं गुलाम हूं, मैं सभ्यता के साथ बात करने का गुलाम हूं। मैं जनता की गुलाम हूं, मैं नियमों का गुलाम हूं। मैं कांग्रेस का गुलाम हूं। तो मुझे इस शब्द से कोई मतलब नहीं पड़ता। महेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए सारे मंत्री समान हैं, सारे विधायक समान हैं। उनके लिए कोई छोटा-बड़ा नहीं है।

ACR मामले में उन्होंने कहा कि मैंने तो इसका जिक्र भी नहीं किया था आप लोगों ने ही पूछा था तो मैंने अपनी राय दे दी थी। महेश जोशी ने कहा कि मुझे कोई चापलूस या कुछ और कह रहा है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों कि मैं सरकार के नियमों के  अनुसार काम करता हूं, सरकार के लिए काम करता हूं लेकिन एक शब्दों की मर्यादा होती है।मैंने कभी किसी से असभ्य भाषा में बात नहीं की। लोकतंत्र में सहमति और असहमित हो सकती है। और हमें असहमति को भी स्वीकर करना चाहिए।

खाचरियावास ने कहा था महेश जोशी को गुलाम

मंत्रियों के ACR भरने को लेकर कल प्रताप सिहं खाचरियावास ने कहा था कि महेश जोशी एसीआर नहीं लिख रहे हैं। झूठ बोल रहे हैं। कल दिव्या मदेरणा का बयान देखा उन्होंने कहा कि मंत्री को ही एसीआर लिखनी चाहिए। इसमें बुरा मानने की क्या बात है? जिस विभाग का मंत्री होगा वही एसीआर लिखेगा। आप खुलकर बोलिए न। बेवजह गुलामी नहीं करनी चाहिए। आपने अगर गुलामी का ठेका ही ले लिया है तो फिर लीजिए।

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