सीएम अशोक गहलोत ने पांच विभूतियों को गांधी सद्भावना सम्मान से नवाजा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधी की विचारधारा पर चलते हुए समाज की उत्कृष्ट सेवा करने वाले…

ashok gehlot

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधी की विचारधारा पर चलते हुए समाज की उत्कृष्ट सेवा करने वाले 5 गांधीवादी विचारकों को गांधी सद्भावना सम्मान से सम्मानित किया। इन्हें मुख्यमंत्री द्वारा 5 लाख रुपए की सम्मान राशि, प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र देकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले गांधीवादी विचारकों को गांधी सद्भावना सम्मान दिया गया। यह सम्मान पाने वालों में प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ. एस.एन. सुब्बाराव (मरणोपरान्त), नेमीचंद जैन (मरणोपरान्त), अमरनाथ भाई, गांधी पीस फाउण्डेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत तथा भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के फाउंडर और मुख्य संरक्षक डी.आर. मेहता शामिल थे।

सर्वधर्म प्रार्थना सभा में बनाया विश्व रिकॉर्ड

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स संस्था ने विश्व अहिंसा दिवस और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर प्रदेश भर में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित करने के लिए कला एवं संस्कृति विभाग को प्रोविजनल प्रमाण पत्र दिया। प्रदेश के विभिन्न जिलों के संगठनों में स्कूली विद्यार्थियों व अन्य संगठनों ने मिलकर समूह रूप में प्रार्थना सभा की। इस प्रार्थना सभा में गांधी चिंतन के तीन गीत गाए गए। राजधानी के एसएमएस स्टेडियम में गांधी जयंती समारोह के मुख्य आयोजन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रथम भल्ला ने यह प्रमाण पत्र दिया। प्रदेश भर में जिलों भर से स्कूली बच्चों ने तीन गीत गाए। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ और संयुक्त शासन सचिव पंकज ओझा ने यह प्रमाण पत्र सौंपा। उल्लेखनीय है कि गांधी जयंती पर राज्य भर में आयोजित सभा में प्रदेश के गणमान्य लोग, गांधीवादी, विचारक चिंतक, स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी, स्वयं सहायता समूह, राजीविका समूह, सेल्फ हेल्प ग्रुप, अभिभावक, जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक, मंत्री एवं आमजन की सहभागिता से 1.5 करोड़ लोगों ने यह विश्व रिकॉर्ड बनाया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से लोगों ने मिलकर सर्वधर्मप्रार्थना करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया।

गांधी दर्शन के प्रचार में जुटे रहे सुब्बाराव

एसएन सुब्बाराव ने दस वर्ष की आयु में ही गांधी जी के चिंतन से प्रभावित हो आजादी के आंदोलन की राह पकड़ी। उन्होंने 1965 में गांधी दर्शन की भी स्थापना की। इस प्रकार वे गांधी दर्शन के प्रचार-प्रसार में आजीवन रहे। सुब्बाराव ने 1970 में गांधी पीस फाउंडेशन की भी स्थापना की। वे मास्को सहित विश्व के अनेक देशों में गांधी जी के विचारों के लिए लगातार यात्रा करते रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके गायन की भी प्रशंसा की। सुब्बाराव की प्रतिनिधि उनकी भांजी रंजीनी ने यह सम्मान प्राप्त किया।

आजादी के आंदोलन से जुड़े थे भावुक

नेमीचंद भावुक का सम्मान उनके पुत्र भावुक शरद ने लिया। वर्ष 1944 में पैदा हुए भावुक को आजादी के आंदोलन में वानर सेना के सदस्य के रूप में जाना गया। उन्होंने वानर सेना सदस्य के लिए साहित्य सम्मेलन में भी भाग लिया। वे मार्टिन लूथर किंग के विचारों से भी प्रभावित थे।

गांधीवादी विचारों के संवाहक रहे अमरनाथ भाई

अमरनाथ भाई भी गांधीवादी विचारों के संवाहक रहे। अमरनाथ भाई छात्र जीवन में ही महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हो आजादी के आंदोलन से जुड़े। वे विनोबा भावे के भूदान यज्ञ आंदोलन से भी प्रभावित रहे। वे लगातार सर्वसमाज संघ से जुड़े रहे। और गांधी दर्शन के बारे में लोगों को बताते रहे।

राजनीति से दूर रहे कुमार प्रशांत

कुमार प्रशांत महात्मा गांधी के दर्शन से जुड़े गांधीवादी विचारों के आमजन में प्रचार प्रसार के लिए छात्र जीवन से ही जुड़े रहे। उन्हें उनके इसी योगदान और समाजवादी सोच के लिए गांधी सद्भावना सम्मान से सम्मानित किया गया है। कुमार प्रशांत जीवन पर्यन्त गांधीवादी विचारधारा का प्रचार करते रहे, लेकिन कभी भी राजनीति में कोई भागीदारी नहीं निभाई। न ही किसी राजनीति संगठन से जुड़े। उनकी सादगी और समर्पण के लिए उन्हें सम्मान दिया गया। नेमीचंद भावुक का सम्मान उनके पुत्र भावुक शरद ने लिया। वर्ष 1944 में पैदा हुए भावुक को आजादी के आंदोलन में वानर सेना के सदस्य के रूप में जाना गया। उन्होंने वानर सेना सदस्य के लिए साहित्य सम्मेलन में भी भाग लिया। वे मार्टिन लूथर किंग के विचारों से भी प्रभावित थे। डीआर मेहता को मानव सेवा और अहिंसा के लिए यह सम्मान दिया गया। डीआर मेहता भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के जरिए अब तक दस लाख से अधिक लोगों के कृत्रिम पैर लगा चुके हैं। इन्हें पद्म भूषण और राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार मिला चुका है।

मानव सेवा के लिए नवाजे गए मेहत

डीआर मेहता को मानव सेवा और अहिंसा के लिए यह सम्मान दिया गया। डीआर मेहता भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के जरिए अब तक दस लाख से अधिक लोगों के कृत्रिम पैर लगा चुके हैं। इन्हें पद्म भूषण और राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार मिला चुका है।

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