Bharatpur Illegal Mining : साधु के आत्मदाह मामले की होगी उच्चस्तरीय जांच- सीएम गहलोत

Bharatpur Illegal Mining : भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनरत साधु ने खुद को आग लगा ली थी। दिल्ली में इलाज के दौरान उनकी…

sadhu vijay das

Bharatpur Illegal Mining : भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनरत साधु ने खुद को आग लगा ली थी। दिल्ली में इलाज के दौरान उनकी मौत भी हो गई थी। इसके बाद अब इस मामले में जमकर सियासत हो रही है। भाजपा ने तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई नेताओं ने कांग्रेस की गहलोत सरकार को साधु की मौत का जिम्मेदार बता दिया है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग तक कर दी है।

प्रमुख शासन सचिव स्तर पर होगी जांच

भाजपा के इस हमले का जवाब अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) ने दे दिया है। उन्होंने साधु के आत्मदाह के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ( CM Ashok Gehlot ) ने देर रात एक ट्वीट कर कहा कि इस मामले की जांच प्रमुखा शासन सचिव स्तर पर की जाएगी। इसके अलावा मृतक साधु के परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक घोषणा का भी ऐलान किया है।

इससे पहले उन्होंने कहा था कि वे साधु की मौत से बेहद दुखी हैं। उन्होंने बाबा विजयदास ( Baba Vijay Das ) को बचाने के विए हरसंभव प्रयास किए, जयपुर में इलाज नहीं हो सका, तो उन्हें दिल्ली भेजा लेकिन हम उन्हें बचा नहीं सके। गहलोत ने आगे कहा कि जब सरकार ने उनकी मांगों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी तो फिर भी क्या कारण थे, जो उन्होंने यह कदम उठाय़ा। इसे जानने के लिए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी।

कल ही हुआ था बाबा विजयदास का अंतिम संस्कार

अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनरत साधु बाबा विजय दास ( Baba Vijay Das ) का कल यूपी के बरसाना में अंतिम संस्कार किया गया। दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से उन्हें एंबुलेंस से उन्हें कामां लाया गया था। इसके बाद शाम करीब 4 बजे उनकी पार्थिव देह यूपी के बरसाना पहुंची। यहां पर स्थित माता श्री गौशाला में बाबा विजय दास का अंतिम संस्कार हुआ था।

कौन थे बाबा विजयदास (Baba Vijay Das)

बाबा विजयदास ( Baba Vijay Das ) मूलरूप से हरियाणा के भिवानी के बड़वाना गांव के रहने वाले थे। उनका असली नाम मधुसूदन शर्मा था। उन्होंने फरीदाबाद की एक कपड़ा फैक्ट्री में डिजाइनर एक्सपर्ट के रूप में काम किया। एक हादसे में उनके बेटे और बहु की मौत हो गई थी और उनके पास रह गई थी सिर्फ 3 साल की उनकी पौत्री दुर्गा। कल अंतिम संस्कार के वक्त 16 साल की दुर्गा को अपने दादा के शव के पास रोते-बिलखते देख हर किसी की आंखों से आंसू बहने लगे थे।

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