Vice President Election : धनखड़ Vs अल्वा, किसका पलड़ा है भारी, क्या दोबारा NDA के पक्ष में आएगा नतीजा ? पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Vice President Election : हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव के अब तैयारी उपराष्ट्रपति चुनाव की है। NDA की तरफ से पश्चिम बंगाल के…

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Vice President Election : हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव के अब तैयारी उपराष्ट्रपति चुनाव की है। NDA की तरफ से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया है। तो वहीं विपक्ष की ओर से मार्गरीट अल्वा को मैदान में उतारा गया है। राष्ट्रपति चुनाव में NDA की चली बाजी के आगे विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया। विपक्ष की अंदरूनी खलबली में ही NDA के लिए जीत औऱ भी ज्यादा आसान कर दी थी। अब उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दोनों पक्ष तैयार हो गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव के नतीजे उपराष्ट्रपति को तो चुनेंगे ही लेकिन साथ में आने वाले 2024 के चुनाव के संकेत भी देकर जाएंगे।

यहां आपको सबसे पहले बताते हैं कि उपराष्ट्रपति ( Vice President Election ) चुनाव होता कैसे है। दरअसल उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसद वोटिंग करते हैं। राज्यसभा की बात करें तो यहां 233 और बाकी 12 मनोनीत सांसद उपराष्ट्रपति के लिए वोट करेंगे। इसके अलावा लोकसभा में 543 सांसद भी मतदान करते हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी भाजपा के पास अकेले लोकसभा और राज्यसभा में 394 सांसद हैं। क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 788 वोट पड़ते हैं। इनमें जितने वोट पड़ते हैं उसे 2 से भाग करते हैं। फिर उसमें एक जोड़ दिया जाता है। इससे जो परिणाम आता है, उतना ही वोट उपराष्ट्रपति पद जीतने के लिए चाहिए होते हैं। इस हिसाब से अकेले भाजपा के पास ही इतने वोट हैं। ऐसे में NDA की जीत पक्की मानी जा रही है।

उपराष्ट्रपति चुनाव ( Vice President Election ) में विपक्ष के सभी दल अभी तो अपने उम्मीदवार को समर्थन दे रहे हैं। इनमें राकांपा, राजद, शिवसेना, द्रमुक, माकपा जैसी पार्टियां शामिल हैं। लेकिन लेकिन ममता बनर्जी की टीएमसी ( TMC ) ने चुनावों में तटस्थ रहने की घोषणा कर दी है। ममता बनर्जी के इस फैसले से विपक्ष सकते में है, विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरीट अल्वा ने इस फैसले को निराशाजनक बताया है। तो ममता बनर्जी ने कहा कि उम्मीदवार के नाम के लिए उनके परामर्श नहीं लिया गया।

एक बात और ध्यान देने वाली है कि अगर पिछले घटनाक्रम पर नजर डालें तो राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को विपक्ष के कई दलों ने भी समर्थन दिया था। जिन्होंने पहले यशवंत सिन्हा को समर्थन देने के लिए कहा था लेकिन बाद में उन्होंने मुर्मू को वोट दिया था। अगर इस बार भी उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा होता है तो जगदीप धनखड़ बेहद आसान और एकतरफा जीत दर्ज कर सकते हैं।

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