Mayank Yadav आईपीएल 2024 की सबसे बड़ी खोज, 6 फीट 1 इंच का बॉलर, खतरनाक गेंदबाजी से बल्लेबाजों में डर

इंडियन प्रीमियर लीग के हर सीजन में कई नए क्रिकेटर्स अपने शानदार प्रदर्शन के बदौलत उभर कर सामने आते है। ऐसा ही एक तेज गेंदबाज…

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इंडियन प्रीमियर लीग के हर सीजन में कई नए क्रिकेटर्स अपने शानदार प्रदर्शन के बदौलत उभर कर सामने आते है। ऐसा ही एक तेज गेंदबाज आईपीएल 2024 में छाया हुआ है। उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) को पिछले 2 मैचों में जीत में अहम भूमिका निभाई है। इस तेज गेंदबाज का नाम मयंक यादव है, जो आईपीएल 2024 की सबसे बड़ी खोज मानी जा रही है।

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मयंक यादव ने आईपीएल खेलने से पहले घरेलू क्रिकेट दिल्ली के लिए खेला है, वहीं वह मूलत: बिहार के सुपौल जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनको आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स टीम में पहुंचाने का सबसे बड़ा हाथ विजय दह‍िया का है।
बता दें कि 2 साल पहले विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान नेट्स पर मयंक यादव की गेंदबाजी देखकर दंग रह गए थे। तब लखनऊ फ्रेंचाइजी के साथ काम कर रहे दहिया ने मयंक यादव को खरीदने की सलाह दी। मयंक यादव की तेज गेंदबाजी देखकर वो समझ गए कि उन्हें एक खतरनाक गेंदबाज मिल गया है। मयंक दिल्ली में ‘सिरफोड़ू गेंदबाजी’ यानी मारक बाउंसर के ल‍िए जाने जाते है।

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मयंक यादव से नहीं ली फीस
21 वर्षीय मयंक यादव जब दिल्ली के प्रसिद्ध क्रिकेट क्लब सोनेट क्लब में क्रिकेट के टिप्स सीखने आए थे तो उनके कोच तारक सिन्हा को उनके अंदर की क्षमता का अहसास हो गया था। वो उनके टैलेंट से इस तरह प्रभावित हो गए थे। उन्होंने सोनेट क्लब के अधिकारियों से उनसे फीस लेने से मना कर दिया। उस वक्त तारक सिन्हा के असिस्टेंट रहे दवेंद्र शर्मा ने मयंक से जुड़े पुराने दिनों को याद किया।

एक इंटरव्यू में दवेंद्र शर्मा ने कहा कि मयंक यादव तब इनवेस्टमेंट करने लायक एक डिस्कवरी की तरह लग रहा था। दवेंद्र ने कहा, वो अपने पिता के साथ आया था। दिल्ली के लिए खेलने का मयंक का संकल्प उसमें क्लियर था। सीनियर ग्रुप ने उस पर ध्यान ग्रुप ने उस पर ध्यान दिया और जल्दी ही उसने अपनी तेज गति से उन्हें चौंका दिया।

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मैं हमेशा चाहता था कि मेरा बेटा क्रिकेट खेले: मयंक के पिता
एक इंटरव्यू के दौरान मयंक के पिता प्रभु यादव ने कहा, मैं हमेशा चाहता था कि मेरा बेटा क्रिकेट खेले और वो भी एक तेज गेंदबाज के रूप में, प्रभु यादव का खुद का रोजगार है, वो पुलिस वाहनों के लिए सायरन और लाइटें बनाते थे। प्रभु ने इस दौरान अपने बेटे मयंक यादव की शुरुआती कोचिंग के बारे में बताया।