Sapotra Vidhan Sabha: सपोटरा में रमेश मीणा मजबूत, तीन चुनावों से BJP ने नहीं चखा यहां पर जीत का स्वाद

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सपोटरा विधानसभा सीट करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की आबादी 3 लाख 68 हजार है, जिसमें 23 फीसदी एससी आबादी है, जबकि 34 फीसदी आबादी एसटी है।

Rajasthan Police 43 | Sach Bedhadak

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मध्यनजर लगातार राजनीति पार्टियां 2023 में अपनी सरकार बनाने को लेकर जोरों शोरों से तैयारियों में जुटी है। इस बीच सच बेधड़क भी आपको लगातार राजस्थान की 200 विधानसभा सीट को लेकर प्रत्येक सीट के समीकरण बता रहा है। इस बीच आज हम आपको करौली जिले की सपोटरा विधानसभा सीट के बारें में जानकारी देगे। यहां पर सियासी समीकरण क्या है? आइए जानते है…

विधानसभा की जनसंख्या

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सपोटरा विधानसभा सीट करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की आबादी 3 लाख 68 हजार है, जिसमें 23 फीसदी एससी आबादी है, जबकि 34 फीसदी आबादी एसटी है।

3 चुनाव के राजनीति समीकरण

  • 2008 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने रमेश चंद मीना को अपना उम्मीदवार बनाया था। इससे पहले सपोटरा विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को ही विजयी बनाया था। रमेश मीणा BSP के टिकट पर जीतकर विधायक बने, लेकिन उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के अन्य विधायकों के साथ अपनी पार्टी का कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया।
  • 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने रमेश चंद मीना को अपना उम्मीदवार बनाया। भारतीय जनता पार्टी ने ऋषिकेश को टिकट दिया। इस बार फिर रमेश चंद मीना ने जीत हासिल की। मीना को 52 हजार 555 वोट मिले जबकि ऋषिकेश को 46 हजार 323 वोट मिले।
  • 2018 के चुनाव में भी कांग्रेस ने रमेश चंद मीना पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर सपोटरा विधानसभा सीट रमेश मीना को उतारा। रमेश मीणा ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। मीना ने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और मीना समुदाय के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीना की पत्नी गोलमा देवी को हराया। रमेश चंद मीना को कुल 76 हजार 399 वोट मिले जबकि गोलमा देवी को 62 हजार 295 वोट ही मिले।

2023 में क्या है समीकरण

जहां एक तरफ कांग्रेस एक बार फिर से वर्तमान विधायक रमेश मीणा पर दांव खेल सकती है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीना की पत्नी और पूर्व मंत्री गोलमा देवी चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। किरोड़ी लाल इस बार रमेश मीणा से पिछली हार का हिसाब बराबर करना चाहेंगे।

बसपा का भी प्रभाव

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सपोटरा विधानसभा सीट पर बसपा पार्टी का भी अच्छा खासा प्रभाव है। 2008 में पहली बार बसपा ने इस सीट से चुनाव जीता था।