Rajasthan: फतेहपुर में विधायकी बरकरार रख पाएंगे हाकम अली या BJP के ‘श्रवण’ दांव से होंगे चित्त

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर अब जाजम पूरी तरह से तैयार है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने पूरी…

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर अब जाजम पूरी तरह से तैयार है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने पूरी 200 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. वहीं सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होते ही अब हॉट सीटों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है जिसमें शेखावाटी की कई सीटों को लेकर भी सियासी गपशप तेज है. मालूम हो कि शेखावाटी में कांग्रेस मजबूत है और वहां का वोटर हर बार अपना मूड बदलता रहता है. हालांकि इस बार दोनों ही दलों ने शेखावाटी की सीटों पर कई नए चेहरों पर दांव लगाया है.

इसी कड़ी में सीकर की फतेहपुर विधानसभा से बीजेपी ने एक नए चेहरे को मौका दिया है जहां बीजेपी ने सीएलसी कोचिंग संस्थान के निदेशक श्रवण चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. दरअसल राजस्थान में सबसे ज्यादा सियासी पारा शेखावाटी की सीटों पर ऊपर नीचे होता है.

वहीं फतेहपुर सीट से वर्तमान में कांग्रेस के हाकम अली खान विधायक है और पिछले काफी समय से बीजेपी इस सीट पर एक अदद जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. आइए एक नजर डालते हैं कौन है श्रवण चौधरी और बीजेपी ने क्यों उन्हें फतेहपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा है.

इंजीनियरिंग की लेकिन बन गए शेखावाटी में ‘गुरूजी’

मालूम हो कि श्रवण चौधरी हाल में बीजेपी में शामिल हुए थे जिसके बाद उनको टिकट दे दिया गया. श्रवण मूल रूप से फतेहपुर के रोसावां गांव के रहने वाले हैं और गांव में पढ़ाई करने के बाद इंजीनियरिंग की और साल 1996 से सीएलसी कोचिंग की शुरूआत की.

श्रवण चौधरी ने जब सीकर में कोचिंग की शुरूआत की तो लोगों ने कहा कि ये सब कोटा में चलता है, लेकिन श्रवण ने ललक और जुनून से अड़े रहे और सीकर में आज देशभर में लाखों छात्र आईआईटी और नीट की परीक्षा देकर देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं. वहीं श्रवण चौधरी कोचिंग के साथ ही लगातार समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़े रहे हैं.

साफ छवि और जाट वोटर्स बन सकते हैं ताकत

बता दें कि बीजेपी ने सीएलसी कोचिंग संस्थान के निदेशक को यहां से इसलिए भी उम्मीदवार बनाया है कि उनकी छवि साफ है और वह जाट समुदाय से आते हैं जिनकी इस विधानसभा की सबसे अधिक संख्या है.

इसके अलावा माना जाता है कि जाट मतदाता अगर एकजुटता के साथ वोट करें तो पासा पलट भी सकता है. हम अगर 2018 के आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस के हाकम अली खान ने भारतीय जनता पार्टी की सुनीता कुमारी को 860 वोटों के अंतर से हराया था.

जाट वोटर्स पलट सकते हैं पासा

गौरतलब है कि फतेहपुर विधानसभा जाट बहुल्य क्षेत्र है जहां 65000 से अधिक जाट मतदाता हैं. वहीं इस सीट पर दूसरे नंबर पर अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर्स आते हैं जो करीब 60000 से अधिक का संख्याबल रखते हैं. इसके अलावा 30000 के करीब मेघवाल समाज के मतदाता भी यहां हैं. वहीं 28000 के करीब ब्राह्मण मतदाता, 20000 राजपूत और 20000 माली समाज के वोटर्स मुख्य तौर पर हैं.