Rajasthan Election: 8वीं विधानसभा चुनावों का गोलीकांड! डीग से प्रत्याशी मानसिंह की चली गई थी जान

आठवीं विधानसभा के चुनाव के लिए राजा मानसिंह ने 1985 में डीग से चुनाव लड़ा और प्रचार के दौरान दो समर्थकों के साथ गोली लगने से उनकी मौत हो गई.

Raja Mansingh | Sach Bedhadak

Rajasthan Assembly Election 2023: आठवीं राजस्थान विधानसभा के चुनाव के लिए दो घटनाक्रम याद किए जाएंगे। ये दोनों प्रसंग प्रथम राज्य विधानसभा में निर्वाचित राजनेताओं के जीवन से जुड़े हुए हैं। एक राजनेता हैं- भैरों सिंह शेखावत और दूसरे तत्कालीन भरतपुर रियासत के राजा मानसिंह। शेखावत तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह कर उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हुए, वहीं राजा मानसिंह अपने जीवन का आठवां चुनाव जीतने से पहले ही इस दुनिया से चले गए।

कृषक लोक पार्टी (केएलपी) के प्रत्याशी के नाते राजा मानसिंह ने अपनी चुनावी यात्रा भरतपुर जिले के कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र से 1952 में में आरम्भ की। उन्होंने 75.72 प्रतिशत मत प्राप्त किए जो उनकी चुनावी यात्रा का कीर्तिमान बन गया। 1957 में उन्होंने वैर से और 1962 में डीग से जीत हासिल की। अगले सारे चुनाव उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीते।

आठवीं विधानसभा के चुनाव के लिए राजा मानसिंह ने 1985 में डीग से चुनाव लड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान दो समर्थकों के साथ पुलिस गोली का शिकार होने से उनकी मृत्यु हो गई। मानसिंह के कानूनी कार्यों में सहयोगी एडवोकेट कश्मीरी लाल अरोड़ा के अनुसार वर्ष 1985 के चुनाव में डीग किले पर झंडा लगाए जाने के पश्चात 19 फरवरी को किन्हीं अज्ञात तत्वों ने उन्हें फेंक दिया अथवा जला देने की घटना से विवाद उत्पन्न हो गया। पुलिस प्रशासन को शरारती तत्वों की गिरफ्तारी की मांग पूरी नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर 20 फरवरी को डीग में प्रचार के लिए हैलीपेड पर उतरे।

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आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1976 में डीग आई थी तब मैं जयपुर से गई प्रेस पार्टी में शामिल था। उधर राजा मान सिंह की रैली निकल रही थी। कांग्रेस की सभा लक्ष्मण मंदिर चौक पर थी। माथुर सभा के लिए रवाना हुए। रैली शहर में आकर्षण का केन्द्र बनी हुई थी। ट्रेक्टर ट्रॉली में बम रसिया (नगाड़े का विशाल स्वरूप), हारमोनियम-ढोलक की तान पर नाचते गाते, नारे लगाते समर्थकों का जोश देखते ही बनता था।

अचानक रैली के आगे चल रही जीप विद्यालय की ओर मुड़‌ गई। मानसिंह ने विपिन कैरियर रूपी सैन्य वाहन चलाते हुए हैलीकॉप्टर को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हादसे की सूचना मिलते ही सभा में भगद‌ड़ सी मच गई। उधर रैली पुराने बसस्टैण्ड, नई सड़क होते हुए सभा स्थल की ओर गई। इससे पहले मुख्यमंत्री माथुर जल्दी भाषण पूरा कर डाक बंगला पहुंच गए।

पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के साथ मानसिंह की गिरफ्तारी के निर्देश हुए। मानसिंह निकटवर्ती गांवों की ओर कूच कर गए। रात्रि में उन्होंने अपने समर्थकों से सलाह मशविरा किया। भरतपुर से आए वकील किशन शरण सिंह और गंगासिंह धनकड़ को अग्रिम जमानत लेने के लिए कहा गया। जन आंदोलन कर गिरफ्तारी के बारे में चर्चा हुई। मानसिंह की मौत के बाद बेटी को मिले थे 97.13% वोट: अगले दिन सुबह 21 फरवरी को पुन: रैली निकाली गई। पुलिस सीओ नरेन्द्र सिंह भारी पुलिस दल के साथ पैदल थे। पुलिस जीप चालक महेन्द्र ने अनाज मंडी के पास मान सिंह के वाहन के आगे जीप अड़ा दी। दोनों वाहन ऐसे भिड़े कि कोई आगे पीछे नहीं हो रहा था। तभी सीओ भाटी ने मानसिंह को गिरफ्तारी के लिए कहा। उन्होंने भाटी को कहा कि आप पुलिस कोतवाली चलो मैं वहीं आकर गिरफ्तारी दूंगा। इस पर जिद होने लगी।

इतने में सिपाही नेकीराम ने अपनी राइफल की संगीन मानसिंह की गाड़ी के टायर में मारी। वह संगीन ऐसी फंसी कि बाहर नहीं निकल पा रही थी। आरएसी का एक जवान मदद को आया। जोर आजमाइश में इधर राइफल चल गई उधर टायर के बर्स्ट होने की आवाज आई। पुलिस ने समझा वाहन से गोलियां चल रही हैं तो पुलिस ने भी गोली दागी जिससे राजा मानसिंह और उनके साथ की सीट पर बैठे सैती गांव के हरीसिंह व सुमेर सिंह की मौके पर मृत्यु हो गई। पिछली सीट पर बैठे दामाद नीचे झुकने से बच गये। पुलिस तथा मानसिंह के बीच झड़प के दौरान एक पुलिसकर्मी ने पीछे बैठे वकील कश्मीरी लाल अरोड़ा का पीछे से कॉलर पकड़कर प्रभात मंडी में फैले सरसों की ढरी परे पटक दिया।

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गोली चलने से अफरा तफरी मच गई। दोपहर में क्रोधित लोगों के प्रदर्शन पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। गोलियां भी चली। उधर पुलिस तीनों शवों को भरतपुर पुलिस लाइन ले गई। बाद में मोती झील कोठी पर राजा मानसिंह का अंतिम संस्कार किया गया। उनके विदेशी नस्ल के कुते ने भी खाना पीना छोड़ दिया और उसकी मौत हो गई। दोनों के स्मारक वहीं बने हुए हैं। जयपुर भरतपुर आगरा रेल मार्ग पर भरतपुर स्टेशन से पहले इन्हें देखा जा सकता है। डीग उपचुनाव में राजा मानसिंह की पुत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा को 97.13 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट देकर मानसिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • गुलाब बत्रा, वरिष्ठ पत्रकार