Indian Air Force में कैसे मिलेगी एंट्री? 12th के बाद ऐसे बने पायलट

देश भक्ति के जोश के साथ, देश के लिए कुछ कर गुजरने की सोच के साथ ही भारतीय सेना में भी महिलाओं अपना दम दिखा रही है। कई लड़कियों का सपना भारतीय वायु सेना में पायलट बनना होता है तो आइए जानते है कैसे इंडियन एयरफोर्स में कैसे एंट्री कर सकते है।

sb 1 1 | Sach Bedhadak

जयपुर। आज देश में महिला शक्ति का हर जगह डंका बज रहा है शायद ही आज के समय में कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां पर ना हो। अपनी काबिलियत के दम पर महिलाओं ने हर क्षेत्र में खुद की जगह बना कर खुद को साबित कर रखा हैं। देश भक्ति के जोश के साथ, देश के लिए कुछ कर गुजरने की सोच के साथ ही भारतीय सेना में भी महिलाओं अपना दम दिखा रही है। कई लड़कियों का सपना भारतीय वायु सेना में पायलट बनना होता है तो आइए जानते है कैसे इंडियन एयरफोर्स में कैसे एंट्री कर सकते है।

चार तरीकों से मिल सकती है एयरफोर्स एंट्री

भारतीय वायु सेना में पायलट बनने के लिए लिए चार तरीके हैं। इनमें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएसई), एनसीसी एंट्री और शॉर्ट सर्विस कमीशन एंट्री (एसएससी) शामिल हैं। हालाँकि, पहले तीन तरीके स्थायी कमीशन हैं जबकि चौथा अस्थायी कमीशन है।

12वीं के बाद होगा पायलट बनने का सपना

एयरफोर्स में फाइटर पायलट बनने के दो मौके हैं। पहला 12वीं पास करने के बाद और दूसरा ग्रेजुएशन करने के बाद, 12वीं के बाद एनडीए द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। वहीं, दूसरा तरीका ग्रेजुएशन के बाद एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी) की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

यूपीएससी द्वारा एनडीए परीक्षा आयोजित की जाती है। वहीं, एएफसीएटी परीक्षा का आयोजन भारतीय वायु सेना के द्वारा आयोजित कराई जाती है। इस संबंध अधिक जानकारी आप इनके अधिकारीक साइट प्राप्त कर सकते है।

साल में दो बार आयोजित होती है परीक्षा

एयर फ़ोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट यानी एएफसीएटी और एयर फ़ोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट यानी एएफसीएटी पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों के लिए है। यह लिखित परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। यह परीक्षा भारतीय वायु सेना द्वारा 14 वर्षों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन में नियुक्ति के लिए आयोजित की जाती है।

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देश में 15% है महिला पायलट

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15 प्रतिशत महिला पायलट हैं। आपको यह जानकर गर्व होगा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अनुसार, यह वैश्विक औसत 5 प्रतिशत से तीन गुना है। हाल ही में सामने आए ये आंकड़े बताते हैं कि बदलते दौर की सिर्फ सात महिलाएं ही वायुसेना में भी अपनी मौजूदगी मजबूती से दर्ज करा रही हैं।

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