101 फीट की है दुनिया की सबसे लंबी बस, शुरुआत में भाप से चलती थी बसें

पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों में से इंसान एक ऐसा प्राणी है जिसमें हर बात को जानने की इच्छा होती है। किसी भी वस्तु…

The world's longest bus is 101 feet, initially buses used to run on steam

पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों में से इंसान एक ऐसा प्राणी है जिसमें हर बात को जानने की इच्छा होती है। किसी भी वस्तु का निर्माण कैसे हुआ है, उसका इतिहास कितना पुराना है यह जानना इंसान में स्वाभाविक है। इस दुनिया में ऐसी ही कई चीजें है जिनके बारे में जानने की इच्छा हर व्यक्ति में होती है। ऐसा ही जिज्ञासा उत्पन्न करने वाला मुख्य बिंदु है सड़क पर चलने वाली बस।

हम में से लगभग हर व्यक्ति दैनिक जीवन में बस का उपयोग करते हैं। रोजाना दफ्तर जाना हो या स्कूल, धार्मिक यात्रा पर जाना हो या शहर की सैर करनी हो सभी स्थानों पर जाने के लिए हम बस का सहारा लेते हैं। बस एक ऐसा साधन है जो हमें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है। लेकिन यह कितनी पुरानी है, विश्व की सबसे बड़ी बस कौनसी है यह सब विस्तार से जानेंगे आज के कॉर्नर में… 

दुनिया की सबसे बड़ी बस 

जीव जगत में मानव जाति एक ऐसी श्रैणी है जिसमें हर वस्तु के बारे में जिज्ञासा होती है। हम में से शायद किसी ने यह भी सोचा होगा कि आखिर इस दुनिया में ऐसी कौनसी जगह है जहां सबसे बड़ी बस चलती है। दुनिया में यह स्थान ब्राजील में है, जहां बस बायो फ्यूल से चलाई जाती है। इस बस की लंबाई 30 मीटर यानी 101 फीट है। प्राकृतिक गैस से चलने वाली यह दुनिया की सबसे लम्बी बस है।

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इस बस का निर्माण ब्राजील की वॉल्वो डो ब्राजील कंपनी ने किया है। यह बस बीआरटी कैरीडोर पर चलती है, जिसमें 250 यात्री आराम से बैठ सकते हैं। कंपनी ने इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाया है। वर्तमान में इस बस तरह की 24 बसें केवल कुरिटिबा शहर में चलती है। इस बस में 60 सवारियां बैठ सकती है। इसके अलावा 190 यात्रियों के खड़े होने की जगह भी है। 

भाप से चलती थी बसें 

वर्तमान में सड़कों पर दौड़ने वाली बसें डीजल और पेट्रोल से चलती है। यह दुनिया का सबसे सरल और लोकप्रिय यातायात का साधन है। आजकल एसी, नॉन एसी, वॉल्वो सहित तरह-तरह की आरामदायक और सभी सुविधाओं से युक्त बसें चल रही है। लेकिन शायद ही किसी को पता है कि शुरूआत में बसें भाप से चलती थी।

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यह जानकर अजीब भी लगेगा और थोड़ा नामुमकिन भी.. कि आखिर बस भाप से कैसे चल सकती है। दरअसल 20 सितंबर 1831 को ब्रिटेन के गोर्डन ब्रान्ज ने भाप से चलने वाली पहली बस बनाई थी। हालांकि यह बस धीमी गति से चलती थी तथा एक बार में इसमें 30 यात्री सवारी कर सकते थे। इसके बाद वर्ष 1832 में इलेक्ट्रिक ट्रॉली बसें चलने लगी। 

बस का इतिहास 

सबसे पहले बस की शुरूआत वर्ष 1662 में फ्रांस में हुई थी। इस समय बस को घोड़े द्वारा खींचा जाता था। इस बस का निर्माण ब्लेज़ पास्कल ने किया था। पास्कल ने घोड़ों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियां विकसित की थी। यह पेरिस की सड़कों पर निर्धारित समय पर ही चलती थी।

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