G-20 Summit का ABCD जानते हैं क्या आप, बच्चें जरूर पढ़ें…पढ़ाई में काम आएंगी ये बातें

नई दिल्ली। महीनों से चल रही तैयारियों के बाद देश की राजधानी दिल्‍ली में जी-20 सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। जी-20 सम्मेलन लेकर…

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नई दिल्ली। महीनों से चल रही तैयारियों के बाद देश की राजधानी दिल्‍ली में जी-20 सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। जी-20 सम्मेलन लेकर भारत ही नहीं बल्कि इसमें शामिल होने वाले 20 देशों के नागरिक उत्‍सुक हैं। इसके साथ ही विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। 9 सितंबर 2023 को शुरू वाले 18वें जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की जिम्‍मेदारी इस बार इंडिया को मिली है और यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।

दिल्ली में कल से होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल होने वाले हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर देशभर में काफी चर्चा हो रही है। वहीं बच्‍चों को भी इस सम्‍मलेन के बारे में पता होना चाहिए। आखिर क्या है जी-20 सम्मेलन और इसका आयोजन क्यों किया जा रहा है, इसके बारे में विस्तार से जानते है।

क्‍या है जी-20 शिखर सम्मेलन?

1990 के दशक के अंत में विशेष रूप से पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया को प्रभावित करने वाले वित्तीय संकट के जवाब में 1999 में जी20 का गठन किया गया था। मध्यम आय वाले देशों को वैश्विक वित्तीय स्थिरता देने के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन को बनाया गया था।

जी-20 में कौन-कौनसे देश है शामिल?

जी-20 शिखर सम्मेलन में 20 देशों के प्रतिनिधित्‍व हिस्‍सा लेने वाले हैं। इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इन देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।

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जी-20 शिखर सम्मेलन में क्‍या होगा?

राजधानी दिल्ली में 9 से 10 सितंबर के बीच यानी पूरे दो दिन दुनिया के सबसे बड़े शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। दिल्‍ली में आयोजित होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में के 6 एजेंछा है। जिसमें से एक है ग्रीन डेवनपमेंट, क्‍लाइमेट फाइनेंस और लाइफ। इसमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट और क्‍लाइमेट फाइनेंस स्‍ट्रैटजी से पर्यावरण को लेकर सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के बारे में बात की जाएगी। इसके अलावा इस सम्‍मलेन का उद्देश्‍य समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए समावेशी आर्थिक विकास को प्राथमिकता देना और आर्थिक संकटों से निपटने के तरीकों पर विचार करना भी है।

जी-20 शिखर सम्मेलन का क्या है उद्देश्य?

जी-20 शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने के लिए चल रहे कार्यों में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा जी-20 का एक उद्देश्‍य तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा तैयार करना भी है। इससे भारत ही नहीं बल्कि जी-20 में शामिल हर देश को लाभ होगा।

G20 का उद्देश्य क्या है 2023

इस सम्‍मेलन का एक मुख्य उद्देश्‍य सुधारों और नवाचारों के माध्यम से 21वीं सदी की उभरती मांगों को पूरा करने के लिए वैश्विक संस्थानों का निर्माण करना है। इसका अन्‍य उद्देश्‍य है विकास के सभी पहलुओं में महिलाओं को सशक्त बनाना, समाज और अर्थव्यवस्था में उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देना।

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किन देशों से आ रहे हैं लीडर्स

दिल्ली में आयोजित होने जा रहे G-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों और G-20 आमंत्रितों के साथ-साथ राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और सऊदी अरब के राजा सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद शामिल हैं। ये नेता उन चर्चाओं में शामिल होंगे जिनमें आने वाले वर्षों के लिए वैश्विक नीतियों और सहयोग को आकार देने की क्षमता है। हालांकि, दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्‍होंने अपनी जगह रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भेजा है।

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10 करोड़ डॉलर से अधिक का खर्च होने का अनुमान…

इस शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए देश की मोदी सरकार किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसको लेकर पूरे दिल्ली में सजावट का काम जोर-शोर से किया गया है। जी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए काफी पैसे भी खर्च किए गए हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए आयोजन पर 10 करोड़ डॉलर से अधिक का खर्च होने का अनुमान है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह ये भी है कि आज तक देश में इतने बड़े स्तर का आयोजन पहले कभी नहीं किया गया था।

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