14 राज्य, 66 दिन और 6200 KM सफर…भारत जोड़ो के बाद अब भारत न्याय यात्रा निकालेगी कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नए साल में एक और यात्रा शुरू करने जा रहे है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इस…

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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नए साल में एक और यात्रा शुरू करने जा रहे है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इस बार भारत न्याय यात्रा शुरू करेंगे। राहुल गांधी 14 जनवरी से भारत न्याय यात्रा शुरू करेंगे। उनकी यह यात्रा 14 जनवरी से मणिपुर से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।

66 दिन के सफर के दौरान उनकी भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों को कवर करेगी। राहुल बस और पैदल 6200 किलोमीटर यात्रा करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की भारत न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। हालांकि भारत न्याय यात्रा का नेतृत्व खुद राहुल गांधी करेंगे या कोई ओर इसको लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है।

इन राज्यों से गुजरेगी भारत न्याय यात्रा…

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश ने पार्टी हेडक्वार्टर में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस पार्टी भारत न्याय यात्रा करेगी। यह यात्रा मणिपुर, नगालैंड, असम, मेघालय, बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी, एमपी, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगी। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि भारत न्याय यात्रा का मकसद आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय है। इसके अलावा 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी नागपुर में महारैली करेगी। इसका नाम है- हैं तैयार हम…इस महारैली से 2024 लोकसभा चुनाव का शंखनाद होगा।

सितंबर 2022 में शुरू हुई थी भारत जोड़ो यात्रा…

कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। 7 सितंबर, 2022 को शुरू हुई ये यात्रा करीब 5 महीने चली। 145 दिनों की भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर में खत्म हुई थी। तब राहुल ने 3570 किलोमीटर की। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस ने 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया था। भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस के अलग-अलग राज्यों के नेता राहुल गांधी के साथ कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक पैदल चले थे।

कांग्रेस पार्टी के अनुसार, भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य ‘घृणा, भय और कट्टरता’ की राजनीति से लड़ना था। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लोगों की आकांक्षाओं की उपेक्षा और राजनीतिक केंद्रीकरण व अन्याय के खिलाफ लड़ना है।