Parliament Monsoon Session : संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन, कई मुद्दों पर हंगामे के आसार, जानें जनता के मुद्दों पर काम करने के लिए आखिर संसद में कितना होता है काम  

बीती 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया, जैसे कि अटकलें लगाई जा रही थीं, संसद का पहला दिन हंगामेदार रहा। विपक्ष…

monsoon session of parliament | Sach Bedhadak

बीती 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया, जैसे कि अटकलें लगाई जा रही थीं, संसद का पहला दिन हंगामेदार रहा। विपक्ष ने संसद में कई मुद्दों को उठाया। संसद में जोरदार हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। वहीं आज भी संसद की कार्यवाही हंगामेदार रहने के आसार नजर आ रहे हैं। बता दें कि विपक्ष अग्निपथ, जीएसटी, महंगाई को लेकर लंबे समय से अपना विरोध जता रहा है। अब मानसून सत्र शुरू होने पर यह विरोध संसद में भी नजर आ रहा है।

इसी क्रम में आज राहुल गांधी के नेतृत्व में समूचा विपक्ष संसद के बाहर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। विपक्ष इसे लगातार बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा हैै। वहीं दोनों सदनों में हंगामें के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आज फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है।

इस सत्र में पेश होने हैं 24 बिल

आपको बता दें कि इस मानसून सत्र में केंद्र सरकार को संसद में 24 बिल पेश करने हैं। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के रवैए को देखते हुए सत्ता पक्ष की कोशिश रहेगी कि वो किसी तरह इन बिलों को दोनों सदनों से पास कराए। क्योंकि इन बिलों में अधिकतर ऐसे हैं, जिन पर विपक्ष का हमलावर होना तय है और कई पर तो अभी से हो रहा है।

स्पीकर ओम बिरला ने की थी शांतिपूर्ण कार्यवाही की अपील

संसद में हंगामें की सुगबुगाहट को भांपते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 16 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। जिसमें बिरला ने सभी दलों से शांतिपूर्ण तरीके से संसद की कार्यवाही में सहयोग देने के लिए अपील की थी। जिसे सभी दलों ने माना भी था। लेकिन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष के रवैए को देखते हुए ये कहना मुश्किल हो रहा है कि आगे आने वाले दिनों में यह सत्र कितना शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगा।

संसद के कामकाज पर उठते सवाल

लंबे समय से संसद की कार्यवाही को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि जनता के हितों के लिए संसद में कितने समय का उपयोग हो रहा है और कितना समय हंगामें में व्यर्थ जा रहा है।

आपको बता दें कि एक साल में संसद के 3 सत्र होते हैं। इसमें से कई दिन अवकाश के निकल जाते हैं, और सप्ताह के आखिरी दिन यानी शनिवार और रविवार पर भी अवकाश रहता है, इस हिसाब से मोटे तौर पर कार्य करने के लिए 3-4 महीने संसद को मिलते हैं। हर दिन संसद के दोनों सदनों में लगभग 6 घंटे का होता है।

संसद के आंकड़ों के मुताबिक इस बार के बजट सत्र जो 31 जनवरी 2022 को शुरू हुआ था। जिसे 7 अप्रैल 2022 को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया था। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी देते हुए बताया था कि पूरे बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों की 27 बैठकें हुईं। इस सत्र के दौरान कुल 13 विधेयक ( 12 लोकसभा में और 1 राज्यसभा में ) पेश किए गए। लोकसभा द्वारा 13 विधेयक और राज्यसभा द्वारा 11 विधेयक पारित किए गए। वहीं संसद के दोनों सदनों द्वार पारित विधेयकों की संख्या 11 थी। इस दौरान लोकसभा में लगभग 129 प्रतिशत काम हुआ था और राज्यसभा में 98 प्रतिशत काम हुआ था। प्रह्लाद जोशी ने इस बारे में कहा था कि कई राजनीतिक दलों की मांग के चलते इस सत्र में कटौती की गई थी।

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