एक्शन में भारतीय नौसेना, गुजरात से 200 किमी दूर अरब सागर में जहाज पर किया ड्रोन अटैक

हमास और इजराइल में जारी जंग के बीच शनिवार को अरब सागर में इजराइल से संबद्ध व्यापारिक जहाज पर ड्रोन से अटैक किया गया। यह हमला गुजरात के वेरावल से 200 किमी दक्षिण पश्चिम में किया गया। जहाज के चालक दल में 21 भारतीय शामिल थे, लेकिन हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

Navy warships | Sach Bedhadak

नई दिल्ली/मुंबई। हमास और इजराइल में जारी जंग के बीच शनिवार को अरब सागर में इजराइल से संबद्ध व्यापारिक जहाज पर ड्रोन से अटैक किया गया। यह हमला गुजरात के वेरावल से 200 किमी दक्षिण पश्चिम में किया गया। जहाज के चालक दल में 21 भारतीय शामिल थे, लेकिन हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

भारतीय सैन्य सूत्रों ने कहा कि ‘यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस’ (यूकेएमटीओ) द्वारा घटना की सूचना दिए जाने के बाद नौसेना के पी-8आई समुद्री गश्ती विमान को जहाज और उसके चालक दल की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया। जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से कच्चा तेल लेकर मंगलुरु बंदरगाह जा रहा था। जहाज पर सवार चालक दल के 22 सदस्यों में 21 भारतीय हैं जबकि एक नेपाली नागरिक है।

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भारतीय तटरक्षक बल ने जारी किया बयान

भारतीय तटरक्षक बल के एक अधिकारी ने कहा कि कोस्ट गार्ड के डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान ने संकटग्रस्त जहाज एमवी के म प्लूटो के साथ कम्युनिके शन स्थापित किया है। ड्रोन हमले के बाद जहाज ने अपनी स्वचालित पहचान प्रणाली को बंद कर दिया जिसका उपयोग जहाज को ट्रेक करने के लिए किया जा सकता है। जहाज की बिजली उत्पादन प्रणाली अब काम कर रही है और अपने गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले अधिक जांच की जा रही है।

जांच के लिए ICGS विक्रम रवाना

भारतीय नौसेना ने मालवाहक जहाज की सुरक्षा के लिए अपने अग्रिम मोर्चे के युद्धपोत को घटनास्थल पर रवाना कर दिया है। भारतीय तटरक्षक बल का जहाज आईसीजीएस विक्रम भी व्यापारी जहाज की ओर बढ़ रहा है।

नौसेना का जहाज से हुआ संपर्क

भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने यह भी बताया कि नौसेना का व्यापारिक जहाज के साथ संपर्क हो गया है। नौसेना के पी-8आई समुद्री निगरानी विमान ने गोवा में आईएनएस हंसा नौसैनिक हवाई अड्डे से उड़ान भरी और संकटग्रस्त जहाज एमवी के म प्लूटो के साथ संचार स्थापित किया। उन्होंने यह भी कहा कि नौसेना का युद्धपोत जहाज की ओर बढ़ रहा है और अगले कुछ घंटों में व्यापारी जहाज तक पहुंचने की उम्मीद है।

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कई शिपिगं कंपनियों ने आवाजाही रोकी

पूरी दनिु या इस समय लाल सागर के हालात से चितिं त है क्योंकि यूरोप से एशिया तक होने वाला लगभग 40% व्यापार इसी रास्ते से होकर गुजरता है। इसीलिए भारत समुद्री सुरक्षा और स्थिरता पर जोर दे रहा है। लाल सागर में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए दुनिया की सबसे बड़ी कार्गो शिपिंग कं पनियों मेर्स्क, एमएससी और सीजीएम ने इस क्षेत्र में अपनी सर्विसेज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।