भारत में आज साल का आखिरी ग्रहण, देश में इन स्थानों दिखेगा…गोविंददेवजी के होंगे विशेष दर्शन

इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण शनिवार रात को दिखाई देगा। भारत में इस ग्रहण की शुरुआत रात में 1 बजकर 5 मिनट से होगी।

chandra grahan 2023

chandra grahan 2023 : जयपुर। इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण शनिवार रात को दिखाई देगा। भारत में इस ग्रहण की शुरुआत रात में 1 बजकर 5 मिनट से होगी। चंद्र ग्रहण रात 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। स्पष्ट है यह ग्रहण 1 घंटा 19 मिनट चलेगा। 28-29 अक्टूबर की दरमियानी रात में हो रहा यह चंद्र ग्रहण आंशिक होगा।

बता दें, पिछले सप्ताह हुए सूर्य ग्रहण के 14 दिनों बाद यह चंद्र ग्रहण होने जा रहा है। आधी रात में ग्रहण के दौरान गोविंददेवजी मंदिर में विशेष दर्शन खुले रहेंगे। मंदिर में दर्शनार्थियों को ग्रहण शुरू होने से पूर्व प्रवेश करना और मोक्ष काल के बाद ही निकलना होगा।

देश में इन स्थानों दिखेगा ग्रहण

भारत में यह ग्रहण दिल्ली, जयपुर, जम्मू, कोल्हापुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्चर, उदयपुर, उज्जैन, वडोदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्नई, हरिद्वार, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी, अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु समेत अन्य शहरों में देखा जा सके गा।

कैसे होता है चंद्र ग्रहण?

जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच होती है, तो चंद्रमा की सतह पर छाया पड़ने से चंद्र ग्रहण होता है। जब धरती की छाया चंद्रमा के कु छ हिस्से पर पड़ती है। तब इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है। यह ग्रहण लंबे वक्त के लिए नहीं लगता है। शनिवार को होने जा रहे चंद्र ग्रहण के बाद अगले साल 17 सितंबर 2024 को ग्रहण होगा।

नहीं रख सकेंगे चांद की रोशनी में खीर

ज्योतिषाचार्य और बंशीधर पंचाग के निर्माता दामोदर प्रसाद ने बताया कि इस ग्रहण का सूतक शनिवार शाम 4:05 बजे से ही लग जाएगा। चंद्र ग्रहण का स्पर्श काल 1:05 बजे, मध्य काल रात्रि 1:44 बजे और मोक्ष काल रात्रि 2:22 बजे रहेगा। सूतक लगने से चांद की रोशनी में खीर को नहीं रख सकेंगे और न ही ठाकुरजी को खीर का भोग लगेगा। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में गठित हो रहा है।

अत: अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए ग्रहण अशुभ फलदायक है। गोविंददेवजी मंदिर में ग्रहणारंभ से पूर्व करें प्रवेश: जयपुर शहर के आराध्य देव गोविंददेवजी मंदिर में ग्रहण के दौरान ठाकुरजी के विशेष दर्शन होंगे। इस दौरान हरिनाम संकीर्तन होगा। दर्शनार्थी मंदिर में ग्रहण शुरू होने से पहले प्रवेश कर ग्रहण शुद्धि के बाद ही बाहर निकल सकेंगे। ग्रहण के दौरान ठाकुरजी की परिक्रमा नहीं की जा सकेगी।

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