पिंगली वैंकेया जयंती : जानिए कौन हैं देश को नेशनल फ्लैग ‘तिरंगा’ देने वाले पिंगली वेंकैया

पिंगली वैंकेया जयंती : केंद्र सरकार ने इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत देश के…

pingali 2 | Sach Bedhadak

पिंगली वैंकेया जयंती : केंद्र सरकार ने इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत देश के प्रत्येक घर में 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराया जाएगा। लेकिन क्या आपको पता है किसने देश को यह राष्ट्रीय ध्वज दिया? किसने 3 रंगों को मिलाकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बनाया। तो हम आपको बताते हैं कि देश को राष्ट्रीय ध्वज देने वाली शख्सियत का नाम पिंगली वेंकैया है। आज यानी 2 अगस्त को उनकी जयंती मनाई जा रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कौन हैं पिंगली वैंकेया

पिंगली वैंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को आंध्र प्रदेश के भटलापेनुमारु में हुआ था। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मद्रास से पूरी की। इन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद वे वापस भारत लौट आए, यहां आकर उन्होंने रेलवे में गार्ड की नौकरी की। इसके बाद लखनऊ में इन्होंने सरकारी कर्मचारी के रूप में काम किया। उन्होंने लाहौर एंग्लो वैदिक महाविद्यालय में उर्दू और जापानी का अध्ययन किया।

इस तरह की तिरंगे की रचना

पिंगली वैंकेया ने कई देशों के राष्ट्रीय ध्वज पर शोध किया। जिसे बाद उन्होंने अपने देश भारत के तिरंगे की रचना करने के लिए काम करना शुरु किया। उन्होंने तिरंगे के डिजाइन बनाकर 1921 में वे विजयवाड़ा में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में महात्मा गांधी से मिले। पिंगली वैंकेया ने खुद के डिजाइन किए तिरंगे को महात्मा गांधी को दिखाया। जो ध्वज उन्होंने गांधी जी के सामने रखा उसमें सिर्फ दो रंग थे, केसरिया और हरा। महात्मा गांधी को यह ध्वज बहुत पसंद आय़ा, लेकिन तिरंगे को कांग्रेस की ओर से आधिकारिक स्वीकृति नहीं दी गई। तब तक कांग्रेस के जितने भी अधिवेशन हुए, उन सब में इस तिरंगे का प्रयोग हुआ।

पिंगली वैंकेया के बनाए ध्वज में चक्र का चिह्न जोड़ने का सुझाव जालंधर के रहने वाले हंसराज ने दिया। वहीं गांधी जी ने ध्वज में सफेद रंग जोड़ने का सुझाव दिया। जिसके बाद पिंगली वैंकेया ने ध्वज में केसरिया और हरे रंग के बीच में सफेद रंग को जोड़ा और सफेद रंग के बीचोंबीच चरखे का चिह्न दिया। इस तिरंगे को कराची में हुए कांग्रेस अधिवेशन में सर्वसम्मति से आधिकारिक स्वीकृति दी गई। इसके कुछ महीने बाद तिरंगे में चरखे की जगह अशोक चक्र ने ले ली। इसके बाद 22 जुलाई 1947 को देश को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा मिला।

पिंगली वैंकेया की स्मृति में डाक टिकट होगा जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पिंगली वैंकेया को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज वे नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पिंगली वैंकेया की स्मृति में डाक टिकट जारी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में पिंगली का डिजाइन किया गया मूल ध्वज प्रदर्शित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में पिंगली वैंकेया के परिजनों को भी आने की आमंत्रण दिया गया है। प्रधानमंत्री पिंगली वैंकेया के परिवार से मुलाकात भी करेंगे।

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