चलती ट्रेन में RPF का गैंगवार! सुरक्षा करने वाले ने ही खतरे में डाली पैसेंजर्स की जिंदगी, जिम्मेदार कौन?

गैंगस्टर और अपराधियों के बीच गैंगवार की घटनाएं तो आपने खूब सुनी होगी। लेकिन, क्या कभी रेलवे प्रोटेकशन फॉर्स (RPF) के बीच गैंगवार के बारे में सुना है।

Jaipur Mumbai train firing case | Sach Bedhadak

Jaipur-Mumbai train firing : मुंबई। गैंगस्टर और अपराधियों के बीच गैंगवार की घटनाएं तो आपने खूब सुनी होगी। लेकिन, क्या कभी रेलवे प्रोटेकशन फॉर्स (RPF) के बीच गैंगवार के बारे में सुना है। कुछ ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला जयपुर से मुंबई सेंट्रल जा रही एक्सप्रेस ट्रेन में सामने आया है। जहां आरपीएफ के कॉन्स्टेबल ताबड़तोड़ फायरिंग कर एक पुलिसकर्मी सहित चार लोगों की जान ले ली। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा करने वाले जवान ही ऐसा करेंगे तो फिर पैसेंजर्स की सुरक्षा कौन करेगा? आखिर ऐसे गैंगवार के लिए कौन जिम्मेदार है?

जिस ट्रेन में फायरिंग की घटना हुई, वो जयपुर से मुंबई सेंट्रल जा रही थी। जैसे ही ट्रेन तड़के साढ़े पांच बजे बाद पालघर स्टेशन से आगे निकली। तभी आरपीएफ का एक कॉन्स्टेबल ट्रेन के बी-5 कोच में पहुंचा। जहां पर आरोपी चेतन सिंह से अपने सहकर्मी एएसआई टीकाराम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

इस दौरान लोग गहरी नींद में सोए हुए थे, जो तेज आवाज से जाग गए। लोग इधर-उधर भागने लगे। तभी आरोपी ने पैसेंजर्स के ऊपर भी फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि, बंदूक के गोलियां खत्म होने की वजह से आरोपी रुक गया। लेकिन, तब तक चार लोगों की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद आरोपी ने ट्रेन की चेन खींची और ट्रेन से उतरकर भाग गया। लेकिन, पुलिस ने कुछ देर बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल, पूरे मामले की जांच जारी है।

वेस्टर्न रेलवे ने की घटना की पुष्टि

वेस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ सुमित ठाकुर ने बताया कि सुबह 6 बजे फायरिंग की घटना हुई। कॉन्स्टेबल चेतन कुमार ने किसी बात से नाराज होकर अपने ही साथी पर फायरिंग कर दी। इस घटना में आरपीएफ के एएसआई टीकाराम मीणा और तीन पैसेंजर्स की गोली लगने से मौत हो गई है। चारों शवों को बोरीवली स्टेशन पर उतारा गया है। इसके बाद ट्रेन को मुंबई सेंट्रल के लिए रवाना किया। इस घटना के चलते ट्रेन अपने गंतव्य तक करीब 30 की देरी से पहुंची है। दहिसर स्टेशन के पास आरोपी ने चेन पुलिंग की और ट्रेन से कूदकर भाग गया। हालांकि, कुछ देर बाद ही आरोपी चेतन को पुलिस ने बंदूक के साथ गिरफ्तार कर लिया है।

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…इसलिए की फायरिंग

जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी पुलिसकर्मी एस्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात था। उसी ट्रेन में उसका साथी आरपीएफ का एएसआई टीकाराम मीणा भी चल रहा था। दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। देखते ही देखते झगड़ा इतना बढ़ गया कि आरोपी ने अपने ही साथी पर सर्विस गन से फायरिंग कर दी। ऐसे में जो भी बीच में आया उसे भी गोली मार दी। जिसके चलते इस घटना में चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। हालांकि, गनीमत रही कि आरोपी की बंदूक में गोलियां खत्म हो गई थी। अगर ऐसा नहीं होता तो और भी पैसेंजर्स की जान जा सकती थी। हालांकि, बाद में पकड़े जाने के डर से आरोपी ट्रेन से कूदकर फरार हो गया।

यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल

इस घटना से रेलवे कटघरे में आ गया है। अगर ऐसी घटना होती है तो फिर चलती ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा कौन करेगा। जब यात्रियों की सुरक्षा करने वाले ही हैवान बन जाएंगे तो फिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। बता दें कि आरपीएफ के जवानों की ड्यूटी ट्रेन में इसलिए लगाई जाती है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। लेकिन, इस घटना ने रेलवे की ही पोल खोल दी है। हर किसी के जेहन में एक ही सवाल है कि आखिर यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कौन है। इधर, रेलवे ने घटना के बाद जांच के आदेश दे दिए है, ताकि यह पता चल सके कि आखिर फायरिंग की असली वजह क्या थी?

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