Independence Day 2023: 15 अगस्त को प्रधानमंत्री, 26 जनवरी को राष्ट्रपति ही क्यों फहराते हैं तिरंगा? जानिए

देश में 76वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों जोरों से शुरु हो गई है, 15 अगस्त 2023 को एकबार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे। आजादी का जश्न बड़े-धूमधाम से मनाया जायेगा और आजादी के लिए अपने बलिदान देने वाले वीरों को याद किया जाता है।

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Independence Day 2023: देश में 76वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों जोरों से शुरु हो गई है, 15 अगस्त 2023 को एकबार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे। आजादी का जश्न बड़े-धूमधाम से मनाया जायेगा और आजादी के लिए अपने बलिदान देने वाले वीरों को याद किया जाता है। देश में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है। जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तो वहीं 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं।

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के झंडारोहण में क्या है फर्क

15 अगस्त 1947 को देश गुलामी की जंजीर को तोड़ कर आजाद हुआ था, इस लिए 15 अगस्त के दिन ध्वजारोहण के लिए झंडे को नीचे से बांधकर रस्सी से ऊपर ले जाया जाता है, इसके बाद ध्वजारोहण किया जाता है ऐसा देश को मिली आजादी के सम्मान में किया जाता है, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, इस दिन झंडा ऊपर ही बांधा जाता है और ध्वज को खोलकर फहराया जाता है।

अलग-अलग स्थानों पर होता है कार्यक्रम

स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण का कार्यक्रम लाल किले की प्राचीर पर आयोजित किया जाता है, देश के प्रधानमंत्री यहां से जनता को संबोधित करते हैं, जबकि गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कर्तव्यपथ किया जाता है। यहां पर झंडा फहराने की जिम्मेदारी देश के राष्ट्रपति निभाते हैं। कार्यक्रम के दौरान यहां भव्य परेड के कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।

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