हिमाचल के PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह को बड़ा झटका, पत्नी को हर महीने देने होंगे 4 लाख

हिमाचल के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य को कोर्ट से लगा बड़ा झटका। पत्नी सुदर्शना को भरण पोषण के लिए हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपए।

himachal pwd minister vikramaditya singh wife sudarsan | Sach Bedhadak

जयपुर। हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Himachal PWD Minister Vikramaditya Singh) को बड़ा झटका लगा है। उन्हें हर महीने पत्नी सुदर्शना सिंह को 4 लाख रुपए भरण पोषण देना होगा। उदयपुर के फैमिली कोर्ट ने 3 अहम फैसला सुनाया है। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभ्रद सिंह के बेटे हैं। उनकी पत्नी सुदर्शना सिंह उदयपुर के आमेट निवासी हैं। उन्होंने अपने ससुराल वालों पर घरेलू हिंसा के आरोप लगाए थे। विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह, बहन के अलावा अन्य परिजनों पर भी पत्नी ने पड़ातना के आरोप लगाए थे।

दहेज और प्रताड़ित करने लगाए आरोप

विक्रमादित्य की पत्नी सुदर्शना के वकील ने बताया कि राजसमंद के आमेट राजघराने की बेटी की शादी 8 मार्च, 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभ्रद सिंह के बेटे से हुई थी। काफी समय तक साथ रहने के बाद दोनों के बीच संबंध बिगड़ गए। पूर्व मुख्यमंत्री विरभ्रद की मृत्यु के बाद सुदर्शना सिंह को उदयपुर भेज दिया गया। इस दौरान उनको दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया।

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सुदर्शना चूण्ड़ावत ने घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम की धारा 20 के तहत उदयपुर के कोर्ट में मामला दर्ज कराया। सुदर्शना की शिकायत में आरोप लगाया कि शादी के बाद वह अपने ससुराल से शिमला आई और कुछ समय बाद उसके साथ मानसिक और शादीरिक प्रताड़ना की जाने लगी।

परिवार से अलग रहने की मांगी इजाजत

सुदर्शना ने अपनी शिकायत में बताया कि विक्रमादित्य सिंह के साथ उन्होंने 8 मार्च, 2019 को हिंदू रीति रिवाज से विवाह किया था। विवाह राजस्थान कणोता गांव में हुआ था। शादी के बाद वह ससुराल आ गई। यहां उसके साथ प्रताड़तना शुरू हो गई। शिकायत के अनुसार विधायक के परिवार पर सुदर्शना के रिश्तेदारों को बुलाकर जबरदन उदयपुर भेजने के आरोप हैं।

सुदर्शना ने अपनी शिकायत में कोट से आग्रह आग्रह किया है कि उनके ससुराल वालों को शारीरिक और मानसिक रूप प्रताड़ित नहीं करने के लिए प्राबंध किया जाए। साथ ही उन्हें परिवार से अलग रहने के लिए मकान की व्यवस्था करने आदेश भी पारित किए जाएं।

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