Delhi Excise Scam : दिल्ली शराब घोटाले पर ED की 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी, जानिए CBI जांच के बावजूद क्यों ED ने की कार्रवाई

Delhi Excise Scam : दिल्ली में कथित शराब घोटाले को लेकर अब ED ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। जिसके तहत आज…

Manish Sisodia

Delhi Excise Scam : दिल्ली में कथित शराब घोटाले को लेकर अब ED ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। जिसके तहत आज ED कई राज्यों में 30 से भी ज्यादा जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इनमें दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, महाराष्ट्र शामिल है। बता दें कि इससे पहले इस केस में सीबीआई जांच कर रही थी। दूसरी तरफ मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की इस संबंध में पहली प्रतिक्रिया आई है। जिसमे उन्होंने कहा है कि कितनी भी जांच कर लो, इसमें भी कुछ नहीं मिलेगा।

CBI के बनाए गए आरोपियों पर छापेमारी

ED ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित अमित अरोड़ा के घर पर भी छापा मारा। बता दें कि अमित अरोड़ा बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। इनका नाम सीबीआई की FIR में दर्ज था। इसके अलावा दिल्ली के जोरबाग इलाके में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू के आवास पर भी रेड जारी है। समीर भी इस कथित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले अगस्त माह में CBI ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास समेत कई जगह रेड डाली थी। तब सीबीआई ने सिसोदिया समेत 12 से ज्यादा लोगों और कंपनियों पर केस दर्ज किया था।

Manish Sisodia पर शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप

गौरतलब है कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर राजकोष को नुकसान पहुंचाने व शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ देने के आरोप हैं। आबकारी घोटाले मामले में सीबीआई ने 20 अगस्त को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित 31 जगहों पर एक साथ छापे मारे थे। सीबीआई ने दिल्ली के अलावा लखनऊ, गुरुग्राम, मुंबई, चंडीगढ़, हैदराबाद व बंगलूरू में छापेमारी की थी। मनीष सिसोदिया के घर 14 घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान सीबीआई ने कंप्यूटर, मोबाइल फोन जब्त सहित कुछ फाइल जब्त की थी। बता दें कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की सिफारिश पर सीबीआई ने आबकारी घोटाले में 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी।

CBI ने ED को भेजी थी घोटाले की फाइल

बता दें कि 20 अगस्त को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े शराब घोटाले के सिलसिले में एक में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मामले से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपे थे। ताकि यह देखा जा सके कि PMLA का मामला बनता है या नहीं। सीबीआई ने एफआईआर की कॉपी और कुछ और दस्तावेज ईडी को सौंपे थे। जिसके बाद ईडी ने PMLA के सबूत जुटाए, उसे बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।

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