‘इंडिया’ को ‘भारत’ बनाने में आएगा कितना खर्चा? अफ्रीकी वकील ने तैयार किया फॉर्मूला

देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने में करीब 14304 करोड़ रुपए खर्च होंगे। क्योंकि वित्त वर्ष 2023 में भारत का रेवेन्यू 23.84 लाख करोड़ था, इसमें टैक्स और नॉन टैक्स दोनों तरह के रेवेन्यू शामिल थे।

Bharat | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखे जाने के बाद ‘इंडिया’ और ‘भारत’ नाम को लेकर बहस छिड़ी हुई है। एक ओर बीजेपी ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ लिखे जाने का खुलकर समर्थन कर रही है। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष ने इसे ‘राज्यों के संघ’ पर सरकार का हमला बताया है। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

देश का नाम बदलने में होने वाले खर्च को लेकर एक अफ्रीकी वकील ने फॉर्मूला तैयार किया है। जिससे यह तो साफ है कि देश में इंडिया नाम हटाने और भारत बनाने में करोड़ों रुपए खर्च होंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने में करीब 14304 करोड़ रुपए खर्च होंगे। क्योंकि वित्त वर्ष 2023 में भारत का रेवेन्यू 23.84 लाख करोड़ था, इसमें टैक्स और नॉन टैक्स दोनों तरह के रेवेन्यू शामिल थे।

यह खबर भी पढ़ें:-G-20 में रखवाली के लिए NSG का K-9 दस्ता रहेगा मुस्तैद, खासियत जानकर रहे जाएंगे हैरान

साउथ अफ्रीका के वकील डेरेन ऑलिवियर इसका एक फॉर्मूला तैयार किया है। साल 2018 में स्वैजीलैंड का नाम बदलकर इस्वातीनि हुआ था। उस वक्त डेरेन ऑलिवियर ने देश का नाम बदलने में होने वाले खर्च कैलकुलेशन करने के लिए फॉर्मूला तैयार किया था। डेरेन ऑलिवियर ने स्वैजीलैंड का नाम बदलने की तुलना किसी भी बड़े कॉर्पोरेट की रीब्रांडिंग से की थी।

किसी भी देश का नाम बदलने का क्या उद्देश्य?

ऑलिवियर के मुताबिक किसी भी देश का नाम बदलने का उद्देश्य औपनिवेशिकता से छुटकारा पाना था। बड़े कॉरपोरेट का एवरेज मार्केटिंग कॉस्ट उसके कुल रेवेन्यू का करीब 6 फीसदी होता है। वहीं, रीब्रांडिंग में कंपनी के कुल मार्केटिंग बजट का 10 फीसदी तक खर्चा हो सकता है। इस फॉर्मूले के अनुसार ऑलिवियर का अनुमान था कि स्वेजीलैंड का नाम इस्वातीनि करने में 60 मिलियन डॉलर का खर्च आ सकता है। इस फॉमूले को भारत पर लागू किया जाता है तो नाम बदलने में 14304 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

यह खबर भी पढ़ें:-पुरानी संसद में ही चलेगा संसद का 5 दिन विशेष सत्र, कब होगा नई पार्लियामेंट का श्रीगणेश, आ गई तारीख

देश में शहरों के नाम बदलने पर कितना खर्च ?

भारत में भी आजादी के बाद से अब तक कई राज्यों के नाम बदले जा चुके है। जिनमें से उत्तरांचल को उत्तराखंड, मध्य भारत का नाम मध्यप्रदेश, उड़ीसा का नाम ओडिशा और पांडिचेरी का नाम पुड्डुचेरी हो चुका है। किसी भी राज्य के नाम को बदलने में 500 करोड़ से ज्यादा खर्च आता है। वहीं, किसी भी शहर का नाम बदलने में 200 से 500 करोड़ तक का खर्च आता है। अब तक देश के 21 राज्यों ने 200 से ज्यादा शहरों के नाम किसी ना किसी कारण बदला है। जिनमें से इलाहाबाद का प्रयागराज और गुड़गांव का नाम गुरुग्राम करना सहित कई शहरों के नाम शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *