रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा 78 दिन का बोनस, इन फैसलों को भी सरकार ने दी अनुमति

मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों की तनख्वाह के बराबर बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। यह बोनस देश भर में रेलवे के सभी नॉन-गजेटेड कर्मचारियों (RPF/RPSF के अलावा) को दिया जाएगा।

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मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों की तनख्वाह के बराबर बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। यह बोनस देश भर में रेलवे के सभी नॉन-गजेटेड कर्मचारियों (RPF/RPSF के अलावा) को दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से लगभग 12 लाख रेलवे कर्मचारी लाभान्वित होंगे जबकि सरकारी खजाने पर करीब 1832 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

प्रत्येक कर्मचारी को मिलेंगे अधिकतम 17,951 रुपए

सरकार ने कुछ दिन पूर्व ही रेलवे के नॉन-गजेटेड कर्मचारियों को बोनस दिए जाने की घोषणा की थी, उसी घोषणा को आज केबिनेट ने अपनी अनुमति भी दे दी है। बोनस पाने योग्य कर्मचारियों को 7000 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से पैसा दिया जाता है, यदि इस हिसाब से गणना करें तो 78 दिन की सैलरी के रूप में प्रत्येक कर्मचारी को अधिकतम 17,951 रुपए का भुगतान किया जाएगा जिसकी वजह से रेलवे पर लगभग 1832 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कर्मचारियों को इस पैसे का भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा।

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गत वर्ष भी दिया गया था बोनस

भारतीय रेलवे ने अपने कर्मचारियों को गत वर्ष भी 78 दिन का बोनस दिया था। बोनस की घोषणा करते हुए मंत्रालय ने कहा था कि कोरोना काल में और लॉकडाउन के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों तक आवश्यक वस्तुओं (यथा राशन, भोजन, पानी, खाद, सब्जियां आदि) की पहुंच को सुगम बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसके अलावा विभाग द्वारा की गई कई नई पहल के फलस्वरूप रेलवे का मुनाफा भी बढ़ा है। अभी भी रेलवे की आय में वृद्धि हो रही है।

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केबिनेट मीटिंग में इन फैसलों पर भी मिली मंजूरी

मोदी केबिनेट की मीटिंग में रेलवे कर्मचारियों को बोनस दिए जाने के अलावा भी कई अन्य विचाराधीन फैसलों को मंजूरी दी गई है। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास करने के लिए पीएम डिवाइन योजना को अप्रुवल देते हुए इस योजना के लिए सरकार ने 6600 करोड़ रुपए अलॉट किए है।

इसके अलावा तेल कंपनियों को वन टाइम ग्रांट के रूप में 22 हजार करोड़ रुपए देने के प्रस्ताव को भी सरकार ने सहमति दे दी है। इनके अलावा दीनदयाल उपाध्याय पोर्ट को बहुपयोगी पोर्ट बनाने के लिए भी 5000 रुपए खर्च करने के प्रस्ताव को अनुमति दी गई।

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